देहरादून। उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार ने अपने कार्यकाल 3 साल पूरे होने के दिन बड़ा फैसला लेते हुए 7 दिनों के लिए सचिवालय को बंद करने के आदेश दे दिए हैं। यह आदेश जानलेवा कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए दिए गए हैं। अब एक सप्ताह तक सचिवालय के कर्मचारी घर से ही कार्य करेंगे और बहुत जरूरी हुआ, उसी स्थिति में सचिवालय आएंगे।
उत्तराखंड की अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि कोरोना संक्रमण वायरस अंतरराष्ट्रीय जन समस्या के रूप में आपदा का रूप ले रहा है। वर्तमान स्थिति के परिप्रेक्ष्य में संक्रमण की त्वरित प्रकृति के दृष्टिगत पूर्ण नियंत्रण हेतु निरंतर प्रभावी रोकथाम करना आवश्यक है।
अपर मुख्य सचिव के अनुसार चूंकि सचिवालय में बड़ी संख्या में कर्मचारी और आगंतुकों के आवागमन होता है, इसलिए सचिवालय 19 मार्च से 24 मार्च तक बंद रहेगा। सभी कार्मिक अपने निजी आवास से कार्य करेंगे तथा दूरभाष पर उपलब्ध रहेंगे। बहुत जरूरी होने पर कर्मचारी और अधिकारी सचिवालय आकर कार्य कर सकेंगे।
सनद रहे कि उत्तराखंड में फिलहाल कोरोनो वायरस संक्रमण के पॉजिटिव होने का एक ही मामला सामने आया है। यह मामला एक ट्रेनी IFS का है, जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। उत्तराखंड सरकार कोरोना को पहले ही महामारी घोषित कर चुकी है।
राज्य में कोरोना की स्थिति पहले चरण में : उत्तराखंड में कोरोना वायरस के प्रसार की स्थिति को पहले चरण में बताते हुए स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अमिता उप्रेती ने बताया कि कोरोना वायरस से ग्रस्त एकमात्र रोगी स्पेन की यात्रा से लौटा था और यहां प्रदेश में अभी तक इस विषाणु का कोई और संदिग्ध मामला सामने नहीं आया है।
उन्होंने लोगों से इस वायरस से बचाव के लिए सभी प्रकार की जरूरी एहतियात बरतने की अपील करते हुए यह भी कहा कि इस रोग से भयभीत होने की जरूरत नहीं है और 95 फीसदी मामलों में रोगी स्वत: अपने शरीर की प्रतिरोधक क्षमता से स्वस्थ हो जाता है।
उन्होंने बताया कि 17 मार्च तक प्रदेश में 78 नमूने जांच के लिये भेजे गये जिनमें से 32 विदेश यात्रा से लौटे व्यक्तियों के और बाकी उनके संपर्क में आए लोगों के थे। 29 नमूनों की जांच रिपोर्ट आ चुकी है और उनमें से केवल एक व्यक्ति की टेस्ट रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है, जिसे अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है। प्रदेश में 337 आइसोलेशन बेड और 801 पृथक सुविधा तैयार है।