नई दिल्ली। भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने 12 से 18 साल के आयु वर्ग के लिए बायोलॉजिकल ई के कोविड-19 टीके कोर्बेवैक्स को सीमित आपात इस्तेमाल के वास्ते मंजूरी (ईयूए) दे दी है। हालांकि, सरकार ने अभी तक 15 साल से कम उम्र वालों को टीका लगाने पर कोई फैसला नहीं लिया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल में कहा था कि टीकाकरण की अतिरिक्त जरूरत और टीकाकरण के लिए आबादी को शामिल करने पर लगातार विचार किया जा रहा है। भारत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की विषय विशेषज्ञ समिति ने 14 फरवरी को 12 से 18 साल के किशोरों के लिए कुछ शर्तों के साथ बायोलॉजिकल ई के कोविड-19 टीके कोर्बेवैक्स को आपात इस्तेमाल के लिये मंजूरी देने की अनुशंसा की थी। इसके बाद डीसीजीआई ने यह मंजूरी दी है।
डीसीजीआई, कोर्बेवैक्स को वयस्कों के लिये सीमित आधार पर आपात इस्तेमाल के वास्ते अपनी मंजूरी 28 दिसंबर को ही दे चुका है। यह भारत में ही कोविड-19 के खिलाफ विकसित आरबीडी आधारित टीका है। हालांकि इस टीके को देश के टीकाकरण अभियान में शामिल नहीं किया गया है।
एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि डीसीजीआई ने सोमवार को कुछ शर्तों के तहत 12 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के लिए कोर्बेवैक्स को सीमित ईयूए प्रदान किया। 9 फरवरी को डीसीजीआई को भेजे गए आवेदन में बायोलॉजिकल ई लिमिटेड के गुणवत्ता एवं नियमन मामलों के प्रमुख श्रीनिवास कोसाराजू ने कहा था कि कंपनी को कोर्बेवैक्स का पांच से 18 साल की आयु वर्ग पर दूसरे-तीसरे चरण के चिकित्सकीय परीक्षण की अनुमति पिछले साल सितंबर में मिली थी। कोर्बेवैक्स टीका मांसपेशियों के जरिए शरीर में पहुंचाया जाएगा और 28 दिनों के भीतर दो खुराक लेनी होगी। इस टीके का भंडारण दो से आठ डिग्री सेल्सियस पर किया जाता है।