ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर में सरकारी गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में कोरोनावायरस के 55 वर्षीय धर्मेन्द्र शर्मा नामक मरीज ने सोमवार को अपने हाथ की नस भी काट ली और तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी। इससे वह गंभीर रुप से घायल हो गया।
कंपू थाने के प्रभारी निरीक्षक के एन त्रिपाठी ने बताया कि ग्वालियर के किला गेट क्षेत्र के रहने वाले धर्मेन्द्र को संक्रमित होने के बाद यहां अस्पताल में 8 अगस्त को भर्ती किया गया था। सोमवार दोपहर को लगभग 2 बजे धर्मेन्द्र ने हाथ की नस काटने के बाद तीसरी मंजिल से नीचे छलांग लगा दी।
उन्होंने बताया कि गनीमत यह रही कि धर्मेन्द्र जमीन के बजाय अस्पताल के भवन से सटे जनरेटर की टीन शेड के ऊपर जाकर गिरा। तीसरी मंजिल से गिरने की कारण उसे हाथ में चोट लगी है, जिसका उपचार अस्पताल में किया जा रहा है। त्रिपाठी ने बताया कि धर्मेंद्र की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है।
MBBS के छात्र ने एम्स हॉस्टल की छत से कूदकर दी जान : उधर दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में सोमवार की शाम 22 वर्षीय एक एमबीबीएस छात्र ने हॉस्टल की छत से कूदकर जान दे दी।
पुलिस ने बताया कि बेंगलुरु के रहने वाले साल 2018 बैच के एमबीबीएस छात्र विकास को अस्पताल के मनोरोग वार्ड में भर्ती कराया गया था। उसकी कुछ मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज चल रहा था।
एम्स सूत्रों ने बताया कि उसने वार्ड से एक घंटे का ब्रेक लिया था। उसके बाद वह हॉस्टल 19 की छत पर पहुंचा और वहां से छलांग लगा दी।पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) अतुल कुमार ठाकुर ने बताया कि वह छात्रावास की छत से कूद गया और उसे ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां उसे इलाज के दौरान मृत घोषित कर दिया गया।
पुलिस ने कहा कि कोई सुसाइट नोट नहीं मिला है। मामले की जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि पीड़ित के परिजन को घटना की सूचना दे दी गई है। पोस्टमॉर्टम के बाद मंगलवार को उन्हें शव सौंप दिया जाएगा। एम्स में इस तरह की यह दूसरी घटना है।
इससे पहले 10 जुलाई को 25 वर्षीय जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर ने कथित रूप से एम्स के डॉक्टरों के हॉस्टल की 10वीं मंजिल से कूदकर जान दे दी थी।मृतक की पहचान मनोरोग विभाग में काम करने वाले अनुराग कुमार के रूप में हुई थी। वह अवसाद का इलाज करा रहा था।