मुंबई। महाराष्ट्र की स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने बुधवार को कहा कि राज्य बोर्ड की 12वीं कक्षा की परीक्षाओं के संबंध में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को एक प्रस्ताव भेजा गया है और इस मुद्दे पर कुछ दिन के अंदर निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य बोर्ड की 12वीं कक्षा की परीक्षाएं कराने के सरकार के पहले के रुख में अभी कोई बदलाव नहीं किया गया है।
गायकवाड़ ने कहा, हालांकि हमें आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की आधिकारिक घोषणा का इंतजार करना होगा।उन्होंने कहा कि यहां राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस विषय पर विचार-विमर्श किया गया। एक दिन पहले केंद्र सरकार ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सीबीएसई की 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला किया था। गायकवाड़ ने कहा कि महामारी के बीच राज्य सरकार के लिए छात्रों की सेहत सबसे पहली प्राथमिकता होगी।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद गायकवाड़ ने कहा कि राज्य बोर्ड की 12वीं की परीक्षाओं के संबंध में एक प्रस्ताव आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को भेजा गया है। प्राधिकरण बैठक करेगा तथा कुछ दिन के अंदर फैसला लिया जाएगा।
बंगाल बोर्ड की परीक्षाएं : पश्चिम बंगाल में कोविड-19 महामारी के बीच कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के कार्यक्रम की घोषणा करने के लिए बुधवार को होने वाली प्रेस वार्ता रद्द कर दी गई। इसे रद्द करने का कोई कारण नहीं बताया गया है।
स्कूल शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मौजूदा स्थिति के दौरान परीक्षा कैसे आयोजित की जाए और उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कैसे किया जाए, इसकी पड़ताल करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति बनाई गई है।
पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएसई) के अध्यक्ष कल्याणमॉय गांगुली ने संपर्क करने पर बताया, हां, (परीक्षा के) कार्यक्रम की घोषणा करने के लिए होने वाली वार्ता रद्द कर दी गई है। इस समय हम और कुछ नहीं कह सकते हैं। हम चर्चा करेंगे। डब्ल्यूबीबीएसई माध्यमिक (10वीं कक्षा की) परीक्षा आयोजित करता है, जो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा पिछले हफ्ते की गई घोषणा के तहत अगस्त के दूसरे सप्ताह में होनी है।
पश्चिम बंगाल उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद की अध्यक्ष महुआ दास ने कॉल नहीं उठाई। उच्च माध्यमिक (12वीं कक्षा की) परीक्षा परिषद द्वारा ली जाती है, जो जुलाई के अंतिम हफ्ते में होनी है। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी ने कहा कि परीक्षा आयोजित करने पर गठित समिति में डब्ल्यूबीबीई, परिषद और पश्चिम बंगाल बाल अधिकार संरक्षण आयोग के प्रतिनिधियों के साथ-साथ शिक्षाविदों, शिक्षकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों को शामिल किया गया है।
अधिकारी ने बताया कि समिति को परीक्षा आयोजित करने के लिए अन्य बोर्डों द्वारा किए गए उपायों पर गौर करने, छात्रों और शिक्षकों से प्रतिक्रिया लेने और अपनी सिफारिशें देने के लिए तीन दिन का समय दिया गया है।दक्षिण कोलकाता के एक स्कूल जादवपुर विद्यापीठ के प्रधान अध्यापक परिमल भट्टाचार्य ने कहा, छात्र व उनके अभिभावक बेहद परेशान हैं। वे इस तरह की अनिश्चितता में लंबे समय तक नहीं रह सकते हैं। हमें उम्मीद है कि समिति ऐसा निर्णय लेगी, जो सभी को स्वीकार्य होगा।
पहले कहा जा रहा था कि दोनों कक्षाओं के इम्तिहान गृह केंद्र (यानी उसी स्कूल में कराए जाएंगे, जहां छात्र पढ़ता है) और यह सिर्फ अनिवार्य विषयों के होंगे तथा समय भी 90 मिनट होगा। इस साल 12 लाख विद्यार्थियों को 10वीं तथा 8.5 लाख को छात्रों को 12वीं की परीक्षा देनी है। गौरतलब है कि सीबीएसई ने कोविड-19 महामारी की वजह से हाल में 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी हैं।(भाषा)