मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के सीईओ अदार पूनावाला को कथित धमकियों के मद्देनजर आवश्यक सुरक्षा का आश्वासन देना चाहिए। पूनावाला की कंपनी द्वारा निर्मित कोविशील्ड टीके की आपूर्ति को लेकर उन्हें कथित तौर पर धमकी दी गई है।
न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति अभय आहूजा की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि कोविड-19 का टीका बनाकर पूनावाला देश की बहुत बड़ी सेवा कर रहे हैं और राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारियों को उनकी सुरक्षा के संबंध में गौर करना चाहिए। पीठ ने कहा कि राज्य के शीर्ष अधिकारियों को निजी तौर पर पूनावाला से बातचीत करनी चाहिए और उन्हें भारत लौटने पर सुरक्षा का आश्वासन देना चाहिए। वे हाल ही में लंदन चले गए थे।
अदालत वकील दत्ता माने द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस याचिका में पूनावाला
के लिए जेड प्लस सुरक्षा का अनुरोध किया गया है। केंद्र सरकार पहले ही पुणे के उद्योगपति को वाई श्रेणी की सुरक्षा मुहैया करा चुकी है। याचिकाकर्ता ने अपने वकील प्रदीप हवनूर के जरिए अदालत से कहा कि समाचार रिपोर्टों के अनुसार टीकों की अधिक आपूर्ति को लेकर पूनावाला नेताओं और कुछ अन्य लोगों के लगातार दबाव के कारण डर में जी रहे हैं।
याचिका में दावा किया गया है कि पूनावाला इस ऐसी धमकियों के कारण ही लंदन चले गए। महाराष्ट्र सरकार के वकील दीपक ठाकरे ने मंगलवार को अदालत से कहा कि राज्य ने पूनावाला को वाई-श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की थी जिसके तहत कुछ सीआरपीएफ कर्मियों के अलावा राज्य पुलिस के सशस्त्र जवान उनकी सुरक्षा के लिए 24 घंटे उपलब्ध रहेंगे। उन्होंने आगे कहा कि राज्य स्थिति का जायजा ले रहा है और उनके देश लौटने पर उन्हें जेड प्लस
सुरक्षा प्रदान करने पर विचार करेगा।
इस पर पीठ ने कहा कि राज्य को यह याचिका अपने खिलाफ मुकदमे के तौर पर नहीं लेना चाहिए। पीठ ने कहा कि पूनावाला बेहतरीन काम कर रहे हैं। वह महान सेवा कर रहे हैं। वे देश की सेवा कर रहे हैं। अदालत ने आगे कहा कि पूनावाला अब टीके का उत्पादन बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। (भाषा)