नई दिल्ली। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर केंद सरकार ने मंगलवार को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद लिया गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह फैसला छात्रों के हितों को ध्यान में रखकर लिया गया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक मोदी ने कहा कि छात्रों का स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है और इससे किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि परीक्षा को लेकर छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों की उत्सुकता को समाप्त किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे तनावभरे माहौल में छात्रों को परीक्षा में शामिल होने को लेकर दबाव नहीं डाला जाना चाहिए।
इस बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव, कैबिनेट सचिव और शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। यह बैठक ऐसे समय में हुई, जब कोविड पश्चात जटिलताओं के कारण केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को मंगलवार सुबह एम्स में भर्ती कराया गया।
इससे पहले प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई एक बैठक के बाद केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने कोरोनावायरस महामारी फैलने के कारण 14 अप्रैल को 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा रद्द करने और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा स्थगित करने की घोषणा की गई थी। शिक्षा मंत्रालय ने हाल में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में राज्यों एवं विभिन्न पक्षकारों के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया था। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, प्रकाश जावड़ेकर, स्मृति ईरानी आदि ने हिस्सा लिया था। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने विभिन्न राज्यों एवं अन्य पक्षकारों से परीक्षा को लेकर सुझाव मांगा था।(भाषा)