इंदौर। स्वच्छता में नंबर वन शहर इन दिनों बढ़ते कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण सुर्खियों में आ गया है। शहर अब देश के 16 कोरोना हॉटस्पॉट में शामिल हो गया है। शहर में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। स्थानीय प्रशासन के साथ ही सरकार भी कोरोना को रोकने के तमाम प्रयास कर रही है, लेकिन कोरोना से बनी दहशत के बीच कुछ ऐसी खबरें आ रही हैं, जो शर्मसार करने वाली हैं।
पुलिस और डॉक्टर की टीम कोरोना से ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की जांच और घरों में रहने के लिए ताकीद कर रही है, लेकिन बजाय सहयोग के पुलिस और डॉक्टरों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। खबरें तो यहां तक आ रही हैं कि मेडिकल और डॉक्टरों की टीम पर हमला तक किया जा रहा है।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले भी ऐसी खबरें लगातार आती रही हैं कि पुलिस और मेडिकल स्टाफ पर जनता ने अपना रोष दिखाया है। आखिर कोरोना के खिलाफ लड़ाई में शहर की जनता धैर्य क्यों नहीं रख पा रही है।
अगर हमें अदृश्य दुश्मन को हराना है तो इस जंग में प्रशासन, पुलिस और मेडिकल टीम को सहयोग देना ही होगा। आखिर वे भी तो अपनी जान की परवाह न करते हुए हमारी रक्षा में लगे हुए हैं।
पीएम मोदी द्वारा जनता कर्फ्यू के आव्हान के बाद शहर के कुछ लोगों ने भीड़ एकत्र कर रैलियां निकाली थीं, जिससे देश ही नहीं, दुनियाभर में शहर की नकारात्मक छवि बनी थी।
जिस तरह से इंदौरवासियों ने स्वच्छता को एक आंदोलन बनाकर दुनिया को दिखा दिया कि जो ठानते हैं, करके दिखाते हैं, उसी तरह वर्तमान के संवेदनशील समय में आवश्यक है कि हर शहरवासी प्रशासन, पुलिस और मेडिकल टीम का सहयोग करे।
विपरीत परिस्थितियों में धैर्य और संयम रखना आवश्यक है, तभी कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में हमारी जीत हो सकेगी।