मध्यप्रदेश के छोटे शहरों में कोरोना विस्फोट,शाजापुर में पॉजिटिविटी रेट 30,कटनी में 21 फीसदी के पार
शाजापुर में कोरोना विस्फोट के बाद दो दिन का टोटल लॉकडाउन
भोपाल। कोरोना की दूसरी लहर की चपेट में आए मध्यप्रदेश के अब छोटे शहर बड़ा खतरा बनते जा रहे है। भोपाल और इंदौर में कोरोना विस्फोट के बाद अब छोटे शहरों में कोरोना संक्रमित मरीज तेजी से बढ़ते जा रहे है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की मानें तो प्रदेश के शाजापुर जिले में कोरोना का पॉजिटिविटी रेट 30 फीसदी तक पहुंच गया है। वहीं कटनी जैसे जिलों में भी कोरोना का पॉजिटिविटी रेट 21 फीसदी है जोकि राजधानी भोपाल के पॉजिटिविटी रेट 20 फीसदी से भी ज्यादा है। शाजापुर में कोरोना विस्फोट के बाद दो दिन का टोटल लॉकडाउन लगा दिया गया है।
इसके अलावा मध्यप्रदेश के छोटे शहरों में गिने जाने वाले नरसिंहपुर और बड़वानी भी कोरोना के नए हॉटस्पॉट बन गए है। दोनों ही जिलों में कोरना का पॉजिटिविटी रेट 17 फीसदी पहुंचने से मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। वहीं खरगौन और रतलाम में 14 फीसदी औऱ बैतूल में पॉजिटिविटी रेट 13 फीसदी है। राजधानी भोपाल से सटे जिले रायसेन के बरेली तहसील में गांव जामगढ़ में एक साथ 26 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद गांव को सील करते हुए गांव की लगभग आधी आबादी को क्वारंटाइन कर दिया गया है।
वहीं अगर मध्यप्रदेश के बड़े शहरों में कोरोना संक्रमण की बात करें तो सबसे खराब हालात राजधानी भोपाल के है जहां कोरोना का पॉजिटिविटी रेट 20 फीसदी है और कोरोना मरीजों के आंकड़ें में लगातार इजाफा होता जा रहा है। बुधवार को राजधानी भोपाल में 657 नए कोरोना के संक्रमित मरीज मिले। वहीं इंदौर में कोरोना का पॉजिटिविटी रेट 15 फीसदी,जबलपुर का 13 फीसदी,ग्वालियर और उज्जैन का 9 फीसदी है।
प्रदेश के जिन जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना का प्रभाव बढ़ रहा है वहॉं ''किल कोरोना -2'' अभियान प्रारंभ किया जायेगा। इसके अंतर्गत घर-घर जाकर सर्वे करते हुए संभावित मरीजों को चिन्हांकित किया जायेगा। इसके साथ साप्ताहिक हाट बाजार को अस्थायी रूप से बंद करने का फैसला भी सरकार ने किया है।