नई दिल्ली। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के प्रमुख बलराम भार्गव ने गुरुवार को कहा कि कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 टीके के विनिर्माताओं ने ब्लड थिनर का उपयोग कर रहे लोगों पर टीके के इस्तेमाल की अनुमति पाने को लेकर तथ्य पत्र में बदलाव करने के लिए देश के औषधि नियामक का रुख किया है।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि एस्पिरिन या क्लोपीडोजरेल जैसी दवाइयों के जरिए जो लोग ब्लड थिनर पर निर्भर हैं, उन्हें कोविड-19 के टीके लगाने में कोई अंतर्विरोध नहीं है। क्लोपीडोजरेल, रक्त के प्लेटलेट को एक-दूसरे से जुड़ने से और हानिकारक थक्का बनने से रोकता है।
कोवैक्सीन और कोविशील्ड, दोनों ही टीकों के तथ्य पत्र में ब्लड थिनर के बारे में तुलनात्मक अंतरर्विरोध का जिक्र किया गया है। भार्गव ने कहा, दोनों ही कंपनियों ने इस बिंदु को बदलने के लिए डीसीजीआई को पत्र लिखा है और यह बहुत जल्द हो जाएगा।
गौरतलब है कि ऑक्सफोर्ड के टीके एवं सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित कोविशील्ड और भारत बायोटेक के स्वदेश विकसित टीके कोवैक्सीन, दोनों ही टीकों को भारत के औषधि नियंत्रक महानिदेशक ने देश में सीमित आपात उपयोग की मंजूरी दी है।(भाषा)