छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में जनता ने अपने फैसले से राजनीतिक दलों के साथ ही विश्लेषकों को भी हैरान कर दिया। यहां कांग्रेस 90 में से 68 सीटें जीतने में सफल रही। भाजपा मात्र 15 सीटों पर ही सिमट गई। अजीत जोगी और बसपा गठबंधन भी 7 सीटें जीतने में सफल रहे। आइए डालते हैं राज्य की उन 5 VIP सीटों पर एक नजर, जिन पर रही सबकी नजर...
राजनांदगांव : राज्य में सबसे रोचक मुकाबला राजनांदगांव सीट पर ही था। यहां मुख्यमंत्री रमनसिंह के सामने कांग्रेस ने अटलजी की भतीजी करुणा शुक्ला को उतारा। कांग्रेस की एकजुटता के कारण रमनसिंह और भाजपा को इस सीट पर पिछली बार की अपेक्षा ज्यादा पसीना बहाना पड़ा। एक समय करुणा शुक्ला ने रमनसिंह को पीछे भी छोड़ दिया था। बहरहाल, रमन सिंह ने यह मुकाबला 16,933 वोटों से जीत लिया।
मरवाही : पूर्व मुख्यमंत्री और छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के नेता अजीत जोगी की वजह से मरवाही चर्चा का केंद्र बनी हुई है। इस सीट को अजीत जोगी का गढ़ कहा जाता है और 18 साल से यहां जोगी परिवार का ही कब्जा है। यहां से भाजपा ने प्रत्याशी अर्चना पोर्ते और कांग्रेस ने गुलाबसिंह राज को चुनाव मैदान में उतारा। जोगी 46,462 वोटों से जीतने में सफल रहे।
पाटन : छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल पाटन से 4 बार विधायक चुने जा चुके हैं। भाजपा ने इस बार मोतीलाल साहू को मैदान में उतारा। बघेल ने मोतीलाल साहू को यहां से 27,477 वोटों से हरा दिया।
बिल्हा : छत्तीसगढ़ भाजपा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने कांग्रेस के राजेंद्र शुक्ला को 26,524 वोटों से हरा दिया। कांग्रेस ने अपने मौजूदा विधायक सियाराम कौशिक को जोगी प्रेम के चलते पार्टी से बाहर कर दिया। छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर कौशिक चुनाव मैदान में उतरे और 29,613 वोट प्राप्त करने में सफल रहे। अगर जोगी कांग्रेस यहां से चुनाव मैदान में नहीं होती तो धरमलाल कौशिक मुश्किल में पड़ सकते थे।
बिलासपुर : 1998 से लगातार इस सीट से विधायक चुने जा रहे अमर अग्रवाल को इस बार शैलेष पांडेय ने 11,221 वोटों से हरा दिया। भाजपा की परंपरागत सीट पर कद्दावर अमर अग्रवाल की हार ने पार्टी समर्थकों को हैरान कर दिया।