रायपुर। छत्तीसगढ़ में टिकट की दावेदारी कर रहे कांग्रेस उम्मीदवारों को टिकट पाने के लिए सात स्तर के चक्रव्यूह को तोड़ना होगा। किसी भी दावेदार के टिकट पर दिल्ली से अंतिम मुहर लगने से पहल उसे पार्टी के टिकट के लिए बनाए गए सात पैमानों पर खरा उतरना होगा।
चुनाव समिति और स्कीनिंग कमेटी ने टिकट के दावेदारों की योग्यता तय करने का फामूर्ला तय किया है जिस पर खरा उतरने पर ही नेताओं को टिकट दिया जाएगा।
बूथ स्तर से नाम आना जरूरी : पार्टी ने टिकट के लिए जो पहली शर्त रखी है वो टिकट के दावेदारों की बूथ स्तर पर मजबूत पकड़ होनी चाहिए। इसलिए पार्टी ने तय किया है कि दावेदार टिकट के लिए बूथ स्तर पर ही आवेदन दे।
पार्टी के सर्वे की रिपोर्ट : पार्टी ने चुनाव से पहले अपने स्तर पर कई सर्वे कराए हैं जिसमें विधानसभाओं में पार्टी की स्थिति और कौनसा दावेदार कितना मजबूत है और उसका जमीनी आधार कितना है, इसको देखा गया है।
पर्यवेक्षक की रिर्पोट में पास होना : टिकट के दावेदार को पर्यवेक्षक की रिपोर्ट में पास होना जरूरी है। पार्टी ने हर दावेदारी के जमीनी स्तर को देखने के लिए पर्यवेक्षक की नियुक्ति की थी। इन पर्यवेक्षक ने हर दावेदार के लिए रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें दावेदारों की जीत की संभावना को देखा गया है।
पार्टी के प्रति वफादारी : टिकट के लिए पार्टी ने सबसे बड़ा जो पैमाना तय किया है वो है दावेदार का पार्टी के लिए वफादार होना। पार्टी ने बाहर से आए लोगों को टिकट की दावेदारी से दूर रखने के लिए ये पैमाना तय किया है।
चुनाव समिति का विश्वास जीतना : टिकट दावेदारों पर चुनाव समिति के सदस्यों की एक राय होना जरूरी है। पीसीसी चीफ भूपेश बघेल की अगुवाई वाली चुनाव समिति में पार्टी के सभी वरिष्ठ सदस्य शामिल हैं।
स्कीनिंग कमेटी के पैमानों पर खरा उतरना : टिकट के दावेदारों को स्कीनिंग कमेटी के पैमानों पर खरा उतरना बेहद जरूरी है। दावेदारों की अंतिम सूची स्कीनिंग कमेटी ही दिल्ली भेजेगी, जहां टिकट पर अंतिम मोहर लगेगी।
चुनाव में जीत की गारंटी : दावेदारों को चुनाव में जीत की गारंटी देना उनकी टिकट दावेदारी को सबसे मजबूत बनाएगा। ऐसी सीट जहां पर टिकट के दावेदारों की संख्या एक से अधिक होगी, उस पर आखिरी फैसला उनकी जीत की संभावना कितनी है, इस आधार पर तय होगा।