छठ पूजा 2020 : षष्‍ठी देवी देती हैं 6 बड़े शुभ आशीर्वाद

Webdunia
ब्रह्मवैवर्त पुराण के प्रकृति खंड में बताया गया है कि सृष्‍ट‍ि की अधिष्‍ठात्री प्रकृति देवी के एक प्रमुख अंश को ‘देवसेना’ कहा गया है। प्रकृति का छठा अंश होने के कारण इस देवी का एक प्रचलित नाम षष्‍ठी है। पुराण के अनुसार, ये देवी सभी ‘बालकों की रक्षा’ करती हैं और उन्‍हें लंबी आयु प्रदान करती हैं। आज भी ग्रामीण समाज में बच्‍चों के जन्‍म के छठे दिन षष्‍ठी पूजा या छठी पूजा का प्रचलन है।
 
''षष्‍ठांशा प्रकृतेर्या च सा च षष्‍ठी प्रकीर्तिता।
बालकाधिष्‍ठातृदेवी विष्‍णुमाया च बालदा।।
आयु:प्रदा च बालानां धात्री रक्षणकारिणी।|
सततं शिशुपार्श्‍वस्‍था योगेन सिद्ध‍ियोगिनी।।"
 
-(ब्रह्मवैवर्तपुराण,प्रकृतिखंड 43/4/6)
 
षष्‍ठी देवी को ही स्‍थानीय भाषा में छठी मैया कहा गया है। षष्‍ठी देवी को ‘ब्रह्मा की मानसपुत्री’ भी कहा जाता है।
 
मां कात्‍यायनी ही हैं छठी मैया
 
पुराणों में छठी मैया का एक नाम कात्‍यायनी भी है। इनकी पूजा नवरात्रि में षष्‍ठी तिथि को होती है। शेर पर सवार मां कात्यायनी की चार भुजाएं हैं। व​ह बाएं हाथों में कमल का फूल और तलवार धारण करती हैं। वहीं, दाएं हाथ अभय और वरद मुद्रा में रहते हैं। मां कात्यायनी योद्धाओं की देवी हैं। राक्षसों के अंत के लिए माता पार्वती ने कात्यायन ऋषि के आश्रम में ज्वलंत स्वरूप में प्रकट हुई थीं, इसलिए इनका नाम कात्यायनी पड़ा।
 
छठी मैया भगवान सूर्य की बहन हैं। छठी मैया को प्रसन्न करने के लिए सूर्य देव की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है।
 
छठी मैया से मिलते हैं ये 6 बड़े आशीर्वाद
 
1. छठी मैया का पूजा करने से नि:संतान दंपत्तियों को संतान सुख की प्राप्ति होती है।
 
2. छठी मैया संतान की रक्षा करती हैं और उनके जीवन को खुशहाल रखती हैं।
 
3. छठी मैया की पूजा से कई पवित्र यज्ञों के फल की प्राप्ति होती है।
 
4. परिवार में सुख, समृद्धि, धन संपदा और परस्पर प्रेम के लिए भी छठी मैया का व्रत किया जाता है।
 
5. छठी मैया की पूजा से विवाह और करियर संबंधी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
 
6. छठी मैया के स्मरण से घर से निर्धनता दूर होती है। धन संपदा का मिलता है आशीष। 
 
छठी मैया का नियम पूर्वक व्रत करने से व्रत सम्पूर्ण फल प्राप्त होता है। नियम को उल्लंघन करने से उसका कुफल भी मिलता है। पुराणों में बताया गया है कि राजा सगर ने सूर्य षष्ठी व्रत सही तरह से नहीं किया था इसलिए उनके 60 हजार पुत्र मारे गए थे।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Shraddha Paksha 2024: पितृ पक्ष में यदि अनुचित जगह पर श्राद्ध कर्म किया तो उसका नहीं मिलेगा फल

गुजरात के 10 प्रमुख धार्मिक स्थलों पर जाना न भूलें

Sukra Gochar : शुक्र का तुला राशि में गोचर, 4 राशियों के जीवन में बढ़ जाएंगी सुख-सुविधाएं

Vastu Tips for Balcony: वास्तु के अनुसार कैसे सजाएं आप अपनी बालकनी

सितंबर 2024 : यह महीना क्या लाया है 12 राशियों के लिए, जानें Monthly Rashifal

सभी देखें

धर्म संसार

16 shradh paksha 2024: श्राद्ध पक्ष पितृपक्ष में महाभरणी का है खास महत्व, गया श्राद्ध का मिलता है फल

21 सितंबर 2024 : आपका जन्मदिन

21 सितंबर 2024, शनिवार के शुभ मुहूर्त

16 shradh paksha 2024: पितृ पक्ष का पांचवां दिन : जानिए चतुर्थी श्राद्ध तिथि पर क्या करें, क्या न करें

Sukra Gochar : शुक्र ने बनाया केंद्र त्रिकोण राजयोग, 6 राशियों को नौकरी में मिलेगा प्रमोशन

अगला लेख
More