भाजपा के 'चाणक्य' अमित शाह का जन्म 22 अक्टूबर 1964 को मेष चंद्र लग्न में मुंबई में हुआ। राशि स्वामी मंगल चतुर्थ जनता के भाव में होकर नीचगत है लेकिन वहीं चतुर्थ भाव का स्वामी केंद्र लग्न में मेष राशि का बैठा है। अत: एक तो मंगल का नीच भंग हुआ वहीं राशि परिवर्तन राजयोग बनने से आपको राजनीति में जबर्दस्त सफलता मिली।
मंगल की उच्च दृष्टि दशम भाव पर लग्न से पड़ रही है वहीं उच्च दृष्टि गोचर से भी पड़ने के कारण आपके बीजेपी अध्यक्षीय कार्यकाल में दुबारा जबर्दस्त जीत के साथ आपको गृह विभाग मिला।
इधर राहु पराक्रम में उच्च का है वहीं गोचर से भी उच्च का चल रहा है। आपका पराक्रम बढ़ा-चढ़ा रहेगा व अपके शत्रु नष्ट होंगे। यहां शत्रु से मतलब आतंकवाद से है।
अत्यंत तेजस्वी ग्रह सूर्य नीच का है लेकिन सूर्य की राशि में शुक्र के पंचम भाव में होने से सूर्य का नीच भंग हुआ है। इस कारण आपका चातुर्य दिमाग का लोहा विपक्षियों पर भारी पड़ा।
दशम भाव का स्वामी चंद्र लग्न से एकादश भाव में वक्री होने से एक घर पीछे का फल देने से राजनीति के आप महापंडित साबित हुए।
चंद्र लग्न से भाग्येश गुरु वक्री होकर द्वितीय भाव में होकर एक घर पीछे यानी लग्न में बैठे चंद्र के प्रभाव में होने से गजकेसरी योग बना। इस कारण भी आपको हर क्षेत्र में जबर्दस्त सफलता मिली। ग्रहों की स्थिति को देखते हुए आप गृहमंत्री के रूप में मील का पत्थर साबित होंगे।