हाल ही में आए लोकसभा चुनावों के परिणामों में भाजपा के पूर्ण बहुमत के साथ सत्तासीन होने से जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का राजनीतिक कद बढ़ा है, वहीं दूसरी ओर इन चुनावों में कांग्रेस की हुई करारी शिकस्त से राहुल गांधी के राजनीतिक भविष्य पर भी सवालिया निशान लगा है।
आज देश में राहुल गांधी के नेतृत्व पर अंगुली उठ रही है। अधिकांश देशवासी यह जानने में उत्सुक हैं कि आखिर आने वाले वर्षों में राहुल गांधी का राजनीतिक भविष्य क्या होने वाला है?
आइए, इस प्रश्न का समाधान हम ज्योतिषीय आधार पर खोजने का प्रयत्न करते हैं।
क्या कहती है राहुल गांधी की कुंडली?
राहुल गांधी की कुंडली मकर लग्न की है जिसके अधिपति शनि हैं। शनि सत्ता का कारक होता है। राहुल गांधी की जन्म पत्रिका में शनि लग्नेश होने के कारण अतिमहत्वपूर्ण ग्रह है। राहुल गांधी की राशि वृश्चिक है जिसके अधिपति मंगल हैं। राहुल गांधी की जन्म पत्रिका में शनि केंद्र में नीचराशिस्थ होकर विराजमान है जिसके परिणामस्वरूप उन्हें अपने जीवन में अतिशय संघर्ष व परिश्रम के बाद भी अपेक्षित सफलता प्राप्त नहीं होती है।
यहां शनि की उच्च दृष्टि कर्मक्षेत्र पर है, जो कि शुभ है। राहुल गांधी की कुंडली में कर्मक्षेत्र का कारक शुक्र शत्रुक्षेत्री है। इसके परिणामस्वरूप उन्हें सत्ता प्राप्ति में अवरोध व विलंब होगा। अथक परिश्रम के बाद भी वे अपेक्षित सफलता से दूर रहेंगे, वहीं सप्तम स्थान में अकेला शुक्र व नीचराशिस्थ सप्तमेश उन्हें दांपत्य सुख से वंचित कर रहा है।
चतुर्थेश मंगल 6ठे भावगत होने के कारण उन्हें जनमानस में लोकप्रियता से वंचित कर रहा है। द्वितीय स्थान में राहु उन्हें पारिवारिक सुख प्राप्त करने एवं श्रेष्ठ वक्ता बनने में बाधक है। सप्तमेश के नीचराशिगत होने के कारण उन्हें साझेदारी एवं गठबंधन से लाभ नहीं होगा।
वर्तमान दशाएं
वर्तमान में राहुल गांधी चंद्र की महादशा व बुध की अंतरदशा के प्रभाव में हैं। इसके अतिरिक्त वे शनि की साढ़ेसाती के अंतिम चरण को भोग रहे हैं। शनि लग्नेश होने के कारण शुभ हैं। मार्च 2019 से राहुल गांधी षष्ठेश व नवमेश बुध की अंतरदशा के प्रभाव में है, वहीं प्रत्यंतर दशा केतु की है।
यह दशा उनके लिए अनुकूल नहीं है जिसके चलते वे हाल ही में हुए चुनावों में बुरी तरह असफल हुए हैं। केतु का प्रत्यंतर 11 जून 2019 तक प्रभावशील रहेगा। बुध की दशा के पश्चात राहुल गांधी केतु की अंतरदशा के प्रभाव में रहेंगे, जो मार्च 2021 तक चलेगी। इसके पश्चात पंचमेश व दशमेश शुक्र की दशा प्रभावशील होगी, जो उनके लिए अनुकूल रहेगी।
निष्कर्ष- उपर्युक्त दशाओं के कारण राहुल गांधी मार्च 2021 तक अपने राजनीतिक जीवन में सफल नहीं होंगे। उन्हें संगठन व सत्ता दोनों ही में असफलताओं का सामना करना पड़ेगा। मार्च 2021 के बाद शुक्र की दशा में वे अपने राजनीतिक जीवन में सफलता की ओर अग्रसर होंगे।
आगामी आम चुनाव में वे पुन: सत्ता से दूर रहेंगे किंतु कांग्रेस की स्थिति में आश्चर्यजनक रूप से सुधार आएगा एवं प्रमुख विपक्षी दल के नेता के तौर पर राहुल गांधी की स्वीकार्यता बढ़ेगी।
-ज्योतिर्विद् पं हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केंद्र
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