नई दिल्ली। वाहन कंपनी हुंदै मोटर इंडिया (एचएमआई) को भरोसा है कि सेमीकंडक्टर के संकट से अगले साल निजात मिल जाएगी। इसके अलावा कंपनी ने उम्मीद जताई है कि प्रतिस्पर्धा परिदृश्य पर एक स्पष्ट तस्वीर उभरकर सामने आएगी। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह बात कही।
घरेलू बाजार में दूसरी सबसे बड़ी यात्री वाहन विनिर्माता को टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा (एम एंड एम) से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। ये कंपनियां अपने नए एसयूवी मॉडलों के जरिये हुंदै के लिए कड़ी चुनौती पेश् कर रही हैं।
इसके अलावा मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने नई ब्रेजा और ग्रैंड विटारा को बाजार में लाने के साथ अपनी एसयूवी योजनाओं को भी संशोधित किया है।
हुंदै मोटर इंडिया के निदेशक (बिक्री, विपणन एवं सेवा) तरुण गर्ग ने पीटीआई से बातचीत में कहा कि इस साल चिप की कमी का मुद्दा छाया हुआ है। इसलिए मांग की वास्तविक स्थिति केवल तभी सामने आएगी जब सेमीकंडक्टर का संकट समाप्त होगा। यऊ ज्यादा दूर नहीं है।
यह पूछे जाने पर कि क्या कंपनी इस साल एसयूवी खंड की अगुवाई कर पाएगी, गर्ग ने कहा कि अभी यह तय करना बहुत मुश्किल है। हमें लगता है कि आगे चलकर 2023 में स्थिति में सुधार होगा और फिर वास्तविक मांग की स्थिति सामने आएगी। उन्होंने कहा कि कंपनी के लिए मांग स्पष्ट रूप से आपूर्ति से आगे निकल रही है।
गर्ग ने कहा कि प्रतिस्पर्धा निश्चित रूप से बढ़ रही है। अधिक से अधिक मॉडल पेश किए जा रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में पेश किए गए मॉडलों में से 80 से 90 प्रतिशत एसयूवी क्षेत्र में रहे हैं। यह क्षेत्र ऐसा है जहां वृद्धि के अवसर हैं।