नई दिल्ली। पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर केन्द्रीय बजट को टालने की विपक्ष की मांग पर चुनाव आयोग को केन्द्र सरकार का जवाब मिल गया है।
सरकार ने इस बार आम बजट 28 फरवरी के बजाय एक फरवरी को पेश करने का निर्णय लिया है जिसका विपक्षी दलों ने विधानसभा चुनावों के मद्देनजर विरोध किया है और इसे टालने के लिए चुनाव आयोग से गुहार लगाई है। आयोग ने इस पर सरकार से जवाब मांगा था। विपक्षी दलों का कहना है कि चार फरवरी से शुरू होने वाले विधानसभा चुनाव में मतदाता बजट में की जाने वाली घोषणाओं से प्रभावित हो सकते हैं।
चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा है कि आयोग को सरकार का जवाब मिल गया है और इसका अध्ययन किया जा रहा है। सरकारी सूत्रों के अनुसार यह माना जा रहा है कि सरकार ने संसद के बजट सत्र के निर्धारित नए कार्यक्रम के अनुसार ही एक फरवरी को बजट पेश करने का मन बनाया हुआ है और आयोग को इस बारे में बता दिया है।
विपक्षी दलों का कहना है कि उन्हें 31 जनवरी से बजट सत्र बुलाने पर कोई एतराज नहीं है लेकिन विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण का मतदान 8 फरवरी को होने के बाद ही बजट पेश किया जाना चाहिए, जिससे कि सरकार मतदाताओं को प्रभावित न कर सके। (वार्ता)