Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

बुद्ध पूर्णिमा : वैशाख पूर्णिमा को जन्मे थे महात्मा बुद्ध, जानिए बौद्ध धर्म के बारे में खास बातें

हमें फॉलो करें Gautam Buddha
Gautam Buddha
Buddha purnima 2022 : 16 मई 2022 सोमवार वैशाख पूर्णिमा के दिन बुद्ध पूर्णिमा यानी बुद्ध जयंती मनाई जाएगी। गौतम बुद्ध ने ही बौद्ध धर्म की स्थापना की थी। वाराणसी के 10 किलोमीटर पूर्वोत्तर में स्थित सारनाथ में गौतम बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया। यहीं से उन्होंने धर्मचक्र प्रवर्तन प्रारंभ किया था। आओ जानते हैं बौद्ध धर्म की खास बातें।
 
 
1. ईसाई और इस्लाम धर्म से पूर्व बौद्ध धर्म की उत्पत्ति हुई थी। उक्त दोनों धर्म के बाद यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है। 
 
2. इस धर्म को मानने वाले ज्यादातर चीन, जापान, कोरिया, थाईलैंड, कंबोडिया, श्रीलंका, नेपाल, भूटान और भारत आदि देशों में रहते हैं। 
 
3. पूर्व में यह धर्म यूनान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अरब के कई हिस्सों में फैला, किंतु ईसाई और इस्लाम के प्रभाव के चलते इस धर्म को मानने वाले लोग उक्त इलाकों में अब नहीं के बराबर ही है।
 
4. इस धर्म के मुख्यत: दो संप्रदाय है हिनयान और महायान। हिनयान यानी छोटी गाड़ी या यान और महायान यानी बड़ी गाड़ी। हिनयान को ही थेरवाद भी कहते हैं। महायान के अंतर्गत बौद्ध धर्म की एक तीसरी शाखा थी वज्रयान। झेन, ताओ, शिंतो आदि अनेकों बौद्ध सम्प्रदाय भी उक्त दो सम्प्रदाय के अंतर्गत ही माने जाते हैं।
 
5. बौद्ध धर्म के चार तीर्थ स्थल हैं- लुंबिनी, बोधगया, सारनाथ और कुशीनगर। लुम्बिनी तीर्थ नेपाल में है। बोधगया भारत के बिहार में है। सारनाथ भारत के उत्तरप्रदेश में काशी के पास हैं। कुशीनगर उत्तरप्रदेश के गोरखपुर के पास का एक जिला है।
webdunia
buddha purnima 2022
6. बौद्ध धर्म के धर्मग्रंथ को त्रिपिटक कहा जाता है। अर्थात तीन पिटक- विनय पिटक, सुत्त पिटक और अभिधम्म पिटक। त्रिपिटक सुत्तपिटक के खुद्दक निकाय के एक अंश धम्मपद को पढ़ने का ज्यादा प्रचलन है। बुद्ध ने अपने उपदेश पालि भाषा में दिए, जो त्रिपिटकों में संकलित हैं। 
 
7. गौतम बुद्ध के पिछले जन्म पर आधारित जातक कथाएं इस धर्म का शिक्षाप्रद ग्रंथ है। बौद्ध जातक कथाएं विश्व प्रसिद्ध हैं। जिनके आधार पर ही ईसप की कथाएं निर्मित हुई।
 
8. बौद्ध धर्म के मूल तत्व है- चार आर्य सत्य, आष्टांगिक मार्ग, प्रतीत्यसमुत्पाद, अव्याकृत प्रश्नों पर बुद्ध का मौन, बुद्ध कथाएँ, अनात्मवाद और निर्वाण।
 
9. वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन बुद्ध का जन्म हुआ था और इसी‍ दिन उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ था तथा इसी दिन उन्होंने देह छोड़ ‍दी थी अर्थात निर्वाण प्राप्त किया था इसलिए उक्त पूर्णिमा के दिन बुद्ध जयंती और निर्वाण दिवस मनाया जाता है। इसके अलावा आषाढ़ की पूर्णिमा का दिन भी बौद्धों का प्रमुख त्योहार होता है। वैशाख माह की पूर्णिमा के दिन बुद्ध का जन्म नेपाल के लुम्बिनी में ईसा पूर्व 563 को हुआ। इसी दिन 528 ईसा पूर्व उन्होंने भारत के बोधगया में सत्य को जाना और इसी दिन वे 483 ईसा पूर्व को 80 वर्ष की उम्र में भारत के कुशीनगर में निर्वाण (मृत्यु) को उपलब्ध हुए।
 
10. दो शब्दों में बौद्ध धर्म को व्यक्त किया जा सकता है- अभ्यास और जागृति। बौद्ध धर्म नास्तिकों का धर्म है। कर्म ही जीवन में सुख और दु:ख लाता है। सभी कर्म चक्रों से मुक्त हो जाना ही मोक्ष है। कर्म से मुक्त होने या ज्ञान प्राप्ति हेतु मध्यम मार्ग अपनाते हुए व्यक्ति को चार आर्य सत्य को समझते हुए अष्टांग मार्ग का अभ्यास कहना चाहिए यही मोक्ष प्राप्ति का साधन है।
 
11. धम्मचक्र के आठ पहिए तथागत बुद्ध के बताए हुए अष्टांगिक मार्ग को दर्शाते हैं। बाद के अनुयायियों ने 24 आवश्यक गुण निर्धारित किए जैसे धैर्य, श्रद्धा, आत्म नियंत्रण आदि, इन्हें भी बाद के धर्मंचक्र में 24 आरियों के रूप में प्रतीक रूप दर्शाया जाने लगा। अशोक के प्रस्तर लेखों में भी धर्मचक्र है और अशोक स्तम्भ में यह चक्र 24 आरियों का है। इसे ही भारत के राष्ट्रीय ध्वज में अपनाया गया है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

सबसे सुंदर महिला आम्रपाली ने जब किया गौतम बुद्ध का स्वागत और भिक्षु पर हो गई मोहित, तब क्या हुआ...