कई बार कहानी से ज्यादा दिलचस्प किरदार होते हैं और यही खासयित है हॉटस्टार पर उपलब्ध वेबसीरिज़ 'हंड्रेड' की। दो महिलाएं लीड रोल में हैं।
एक पुलिस ऑफिसर है सौम्या (लारा दत्ता) जिसे डिपार्टमेंट ने शो-पीस बना कर रखा है। वह चाहती है कि बदमाशों का पीछा करे, उनसे मुकाबला करे, केस सॉल्व करे, लेकिन उसका बॉस हमेशा उसे इस काम से दूर रखता है।
दूसरी है नेत्रा (रिंकू राजगुरु) जो एक मध्यमवर्गीय परिवार से है। पिता, भाई और नाना के बीच इकलौती कमाने वाली। उसके पैर के नीचे से तब जमीं खिसक जाती है जब उसे पता चलता है कि ब्रेन ट्यूमर के कारण उसके पास मात्र सौ दिन हैं।
नेत्रा बकेट लिस्ट तैयार करती है। सेक्स, स्विट्ज़रलैंड यात्रा, जिंदगी में रोमांच के अलावा भी बहुत कुछ इस लिस्ट में है।
नेत्रा और सौम्या में बहुत अंतर है, लेकिन जिंदगी उन्हें साथ ला खड़ा करती है। जब सौम्या को पता चलता है कि नेत्रा के पास समय कम है तो वह उसे अपने लिए इस्तेमाल करती है। उसे खतरे में डालती है ताकि वह अपराधियों तक पहुंच सके। रोमांच के नाम पर नेत्रा तैयार हो जाती है।
आमतौर पर दो पुरुषों, एक महिला-एक पुरुष की टीम देखने को मिलती है, लेकिन दो महिलाओं की टीम कम देखने को मिलती है।
ये दोनों किरदार दिलचस्प हैं, अनोखे हैं और इनकी जबरदस्त केमिस्ट्री कहानी की कमियों को कवर कर लेती है और सीरिज़ में रूचि बनाए रखती है।
सीज़न एक में आठ एपिसोड हैं। शुरुआत थोड़ी गड़बड़। तीसरे एपिसोड से बात बनने लगती है, लेकिन सातवें और आठवें एपिसोड तक मामला फिर बिगड़ने लगता है।
'हंड्रेड' उस रास्ते की तरह है जिसमें सरपट रोड के बीच उबड़-खाबड़ पैचेस भी आते रहते हैं। अब ये आपके ऊपर है कि इन पैचेस को आप किस तरह से लेते हैं।
हंड्रेड में कई बातों को समेटने की कोशिश की गई है। ऑर्गन ट्रेडर्स, स्मगलिंग, ड्रग्स का गोरखधंधा, हवाला केस, क्रिकेट पर सट्टा, दुबई का डॉन, भ्रष्ट नेता, सौम्या का अपने ऑफिसर्स से जूझना, बोरिंग पति को झेलना, एक टॉय बॉय रखना, नेत्रा का परिवार, बॉयफ्रेंड नंबर एक, बॉयफ्रेंड नंबर दो, बकेट लिस्ट पूरा करना, म्यूजिक अलबम में काम करना। इनमें से कुछ चीज़ें अपील करती हैं तो कुछ बोरिंग लगती हैं।
कुछ बातें अधूरी सी लगती है। आखिर सौम्या से उसका बॉस इतना चिढ़ता क्यों है? शादी के बावजूद दूसरे पुरुष से सौम्या क्यों रिश्ता रखती है? नेत्रा अपनी बीमारी को इतना सीरियसली क्यों नहीं लेती है?
आमतौर पर महिला किरदार इस तरह से लिखे नहीं जाते हैं। सौम्या का किरदार निगेटिव शेड्स लिए हुए हैं। अपने को सफल बनाने के लिए वह कुछ भी कर सकती है। अच्छे पति के बावजूद रोमांस करती है। नेत्रा का बिंदासपन भी उसके किरदार को निखारता है।
इस वेबसीरिज़ का निर्देशन रूचि नारायन, आशुतोष शाह और ताहिर शब्बीर ने किया है। निर्देशक ने बातों को हल्का-फुल्का रखा है और 'फन' पर ज्यादा जोर दिया है।
किरदारों को उभरने दिया और तनावपूर्ण बातों को हावी नहीं होने दिया। पूरी सीरिज़ में हास्य का पुट रखा है जो अच्छा लगता है। हर किरदार पर उनकी मेहनत नजर आती है। लेखकों का थोड़ा साथ मिल जाता तो उनका काम और निखर जाता।
लारा दत्ता ने लंबे समय बाद इस सीरिज़ से अभिनय की दुनिया में वापसी की है। बढ़ा हुआ वज़न और उम्र के निशां नजर आते हैं। उनका किरदार कई रंग लिए हुए है और एक उच्च श्रेणी की अभिनेत्री इस भूमिका में कमाल कर सकती थी। लारा अपनी ओर से पूरी कोशिश करती हैं पर कुछ दृश्यों में उनकी अभिनय की सीमित रेंज आड़े आ जाती है।
मराठी फिल्म 'सैराट' में अपने अभिनय का कमाल दिखा चुकीं रिंकू राजगुरु का नैसर्गिक अभिनय लारा पर भारी पड़ा है। वे एक नेचुरल एक्ट्रेस हैं और खुल कर अभिनय करती हैं। अपने किरदार को पूरे आत्मविश्वास और बिंदास तरीके से उन्होंने जिया है।
करण वाही, सुधांशु पांडे, परमीत सेठी, मकरंद देशपांडे भी अपने काम से प्रभावित करते हैं। रोहिणी हट्टंगडी छोटे रोल में नजर आईं।
कुछ कमियों के बावजूद 'हंड्रेड' इतनी दिलचस्पी तो जगा देता है कि दूसरे सीज़न का इंतजार किया जा सकता है।