Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

डॉक्टर स्ट्रेंज इन द मल्टीवर्स ऑफ मैडनेस : मूवी रिव्यू

हमें फॉलो करें डॉक्टर स्ट्रेंज इन द मल्टीवर्स ऑफ मैडनेस : मूवी रिव्यू
, शुक्रवार, 6 मई 2022 (14:07 IST)
Doctor Strange in the Multiverse of Madness जैसा कि सभी जानते हैं कि मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स (एमसीयू) की फिल्मों के दीवानों की संख्या भारत में भी है और यह लगातार बढ़ती जा रही है। कभी मेट्रो सिटी में ही ये फिल्में देखी जाती थी, लेकिन अब छोटे शहरों में भी इन फिल्मों को अच्छा रिस्पांस मिलता है। 2016 में रिलीज हुई 'डॉक्टर स्ट्रेंज' के सीक्वल 'डॉक्टर स्ट्रेंज इन द मल्टीवर्स ऑफ मैडनेस' का इंतजार महीनों से हो रहा था। यह इस अमेरिकन सुपरहीरो की लोकप्रियता का कमाल है कि इस मूवी को विभिन्न फॉर्मेट्स और भाषाओं में डब कर रिलीज किया गया है। 
 
कहानी एक ऐसी लड़की की है जो मल्टीवर्स की यात्रा करने की काबिलियत रखती है। जो खुद अपनी शक्तियों से अंजान है। उसकी शक्ति को हासिल करने के लिए उसके पीछे वांडा मैक्सिमॉफ लगी हुई है। डॉक्टर स्ट्रेंज और उसके साथी किस तरह से इस युवा लड़की की रक्षा के लिए मल्टीवर्स की यात्रा करते हैं, ये फिल्म का सार है। 
 
फिल्म की कहानी सीधी और सरल है। बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव या घुमाव-फिराव नहीं है, लेकिन यात्रा मजेदार है। इसके पीछे निर्देशक सैम राइमी का अहम योगदान है। उन्होंने कहानी को इस तरह से पेश किया है कि जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है, डर, फंतासी, सुपरहीरो के टकराव और स्पेशल इफेक्ट्स के जरिये दर्शकों का रोमांच बढ़ता चला जाता है। उन्होंने फिल्म को लंबा नहीं खींचा और फालतू दृश्यों से बचने की पूरी कोशिश की है। 
webdunia
कहानी सिंपल होने के कारण निर्देशक का जोर प्रभाव उत्तपन्न करने पर रहा। उन्होंने एक ऐसी दुनिया पेश की जिसमें कि दर्शक खो जाएं। 
 
फिल्म की शुरुआत एक बेहतरीन दृश्य से होती है, इस छोटे से सीन में पूरी फिल्म की कहानी समाई हुई है। यह सीन ही दर्शकों का मूड सेट कर देता है। 
 
फिल्म के राइटर्स ने सरप्राइज एलिमेंट के रूप में मल्टीवर्स यूनिवर्स के कॉन्सेप्ट को कहानी में अच्छी तरह से पिरोया है और एक ही इंसान के अलग-अलग यूनिवर्स में हूबहू डुप्लिकेट वाला आइडिया भी जोरदार है, यानी कि डॉक्टर स्ट्रेंज उसी नाम और शक्ल से दूसरे यूनिवर्स में भी मौजूद है। 
 
निर्देशक सैम राइमी ने लेखकों के मल्टीवर्स वाले विचार को सैल्यूलाइड पर एक बेहतरीन सीक्वेंस के साथ पेश किया है जिसमें डॉक्टर स्ट्रेंज और अमेरिका शावेज कई यूनिवर्स में कुछ-कुछ सेकंडों में दाखिल होते हैं। यहां पर स्पेशल इफेक्ट्स देखने लायक है। यह सीन छोटा है और इसे देखने के बाद लगता है कि काश इस तरह के कुछ और सीन होते, तो मजा दोगुना हो जाता।  
webdunia
फिल्म का पहला घंटा जोरदार है। पहला सीन, ऑक्टोपस द्वारा तबाही मचाने वाला सीन और वांडा का कमर-ताज पर हमले वाले सीन रोमांच लिए हुए हैं। इसके बाद के आधा घंटे में कुछ डल मोमेंट्स आते हैं क्योंकि कहानी ठहरी हुई लगती है और स्पेशल इफेक्ट्स वाले सीन में दोहराव लगता है, लेकिन क्लाइमैक्स में फिल्म फिर स्पीड पकड़ लेती है। 
 
सैम राइमी ने फिल्म को तेजी से दौड़ाया है और दर्शकों को ज्यादा सोचने का अवसर नहीं दिया है। कहानी की जटिलताओं को सरल तरीके से पेश किया है ताकि समझने में आसानी हो। दृश्यों की सीक्वेंस ठीक तरह से जमाए हैं। 
 
सैम राइमी के अलावा सिनेमाटोग्राफर जॉन मैथिसन काम जबरदस्त है। कम्प्यूटर ग्राफिक्स और विज्युअल इफेक्ट्स में इतनी सफाई है कि फिल्म में कहीं भी कोई सीन नकली नहीं लगता, ऐसा लगता है कि सचमुच में दर्शक मल्टीवर्स की यात्रा कर रहे हैं। डैनी एल्फमैन का बैकग्राउंड म्यूजिक फिल्म को भव्यता प्रदान करता है। थ्री-डी इफेक्ट्स फिल्म देखने का मजा बढ़ा देते हैं और इस मूवी को 2-डी में तो कतई नहीं देखना चाहिए। 
 
डॉक्टर स्ट्रेंज के रोल के साथ बेनेडिक्ट कंबरबैच ने पूरा न्याय किया है। वे बेहद हैंडसम और फिट लगे हैं। एलिजाबेथ ओल्सन को ऐसा रोल मिला जिसमें कई शेड्स हैं और इसका उन्होंने पूरा फायदा उठाया। बेनेडिक्ट वोंग और ज़ोचिटल गोमेज़ की एक्टिंग भी सराहनीय रही। गेस्ट अपियरेंस में चार्लीज़ थेरॉन स्टार वैल्यू बढ़ाती हैं। 
 
डॉक्टर स्ट्रेंज इन द मल्टीवर्स ऑफ मैडनेस, स्टोरी लाइन के मामले में बहुत सशक्त भले ही न हो, लेकिन प्रस्तुतिकरण के कारण देखने लायक बन जाती है। 
 
निर्माता : केविन फिगे 
निर्देशक : सैम राइमी
कलाकार : बेनेडिक्ट कंबरबैच, एलिजाबेथ ओल्सन, बेनेडिक्ट वोंग, ज़ोचिटल गोमेज़
रेटिंग : 3/5 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

2 हफ्ते बाद अस्पताल से डिस्चार्ज हुईं मुमताज, इस बीमारी की वजह से होना पड़ा था भर्ती