बाहुबली : द बिगिनिंग को रिलीज हुए 9 साल पूरे, फिल्म के इन डायलॉग्स ने फैंस को किया दीवाना

WD Entertainment Desk
बुधवार, 10 जुलाई 2024 (10:23 IST)
Baahubali The Beginning completes 9 years of release: प्रभास स्टारर 'बाहुबली- द बिगिनिंग' भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की एक बेहद सफल और यादगार फिल्मों में से एक है। इस सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर फिल्म को रिलीज हुए अब 9 साल हो गए है। ये फिल्म आज ही के दिन यानी 10 जुलाई 2015 को रिलीज़ हुई थी और भारतीय सिनेमा में एक इतिहास रच दिया था। इस फिल्म का निर्देशन एसएस राजामौली ने किया हैं।
 
इस मैग्नम ओपस ने प्रभास को एक पैन इंडिया स्टार बना दिया और बाद में उनके प्रशंसकों ने उन्हें एक ग्लोबल सेंसेशन बना दिया। फिल्म में सुपरस्टार प्रभास ने सहजता के साथ अमरेंद्र और महेंद्र बाहुबली का डबल रोल प्ले किया और अपने जीवन के 5 से 6 साल बाहुबली यूनिवर्स के नाम कर दिया और जिसका नतीजा जबरदस्त था।  
 
इस दौरान अपने काम के लिए सुपरस्टार का अनुशासन, समर्पण और जुनून वास्तव में तब रंग लाया, जब ये फिल्म रिलीज हुई और ग्लोबल एंटरटेनमेंट स्पेस में नए स्टैंडर्ड्स सेट करते हुए एक बड़ी ग्लोबल ब्लॉकबस्टर बन गई। इसके अलावा, प्रभास ने इस फिल्म से जो स्टारडम हासिल किया वह भी कमाल का है।
 
इस सिनेमाई मास्टर पीस के ग्लोरियस 9 साल पूरे होने के मौके पर, आइए प्रभास के उन एपिक डायलॉग्स पर एक नज़र डालते हैं जो दर्शकों को आज भी अपना दीवाना बना लेते है। 
 
औरत पर हाथ डालने वाले की उंगलियां नहीं काटते… काट ते हैं तो गाला
ये डायलॉग उस आइकोनिक सीन के दौरान बोला गया था, जहां प्रभास एक विशाल हॉल में अपनी ऑन-स्क्रीन पत्नी (अनुष्का शेट्टी) का बचाव करते हुए अपराधी का सिर काटते हैं।
 
समय हर कायर को अपनी बहादुरी दिखाने का एक मौका जरूर देता है… यही वो क्षण है
वह इंस्पायरिंग पल जब प्रभास अकेले ही एक बड़े दुश्मन से लोहा लेते हैं और इस लाइन को पढ़कर कुमार वर्मा को प्रेरित करते हैं।
 
देवी मां की प्यास बुझाने के लिए एक निर्बल की बाली क्यों, मेरा उमड़ता हुआ रक्त समर्पित हैं
युद्ध के मैदान में विशाल दुश्मन से मुकाबला करने से पहले, प्रभास उर्फ बाहुबली राज्य की परंपरा को चुनौती देते हैं, जिससे सभी इस सीन और दमदार डायलॉग के दीवाने हो जाते हैं।
 
क्या है मृत्यु… हमारे हाथों से शत्रु का मर जाना ये सोचना है मृत्यु… रणभूमि में शत्रु से भयभीत होकर जीवित रहना है मृत्यु?
युद्ध के मैदान में अपनी बटालियन के गिरते मनोबल को देखते हुए, प्रभास ने यह प्रभावशाली डायलॉग कहा था, जिसने उनमें हिम्मत, वीरता और दुश्मन से मुकाबला करने की ताकत पैदा की।
 
अपने हाथों को हथियार बना लो... अपनी सांसों को आंधियों में बदल दो... हमारा खून ही महान सेना है
प्रभास उर्फ बाहुबली अपने मामा कटप्पा के साथ दुश्मन से मुकाबला करने से पहले अपनी सेना को प्रेरित करते हैं!
 
प्रभास के वर्क फ्रंट की बात करें तो वह हाल ही में फिल्म 'कल्कि 2898 एडी' में नजर आए हैं। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर कमाई के कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

बॉलीवुड हलचल

रीता सान्याल के लिए रात में हरियाणवी बोलने की प्रैक्टिस करती थीं अदा शर्मा

कैसी होने वाली है कंगुवा की कहानी? प्रोड्यूसर के. ई. ज्ञानवेल राजा ने खोला राज

विवेक रंजन अग्निहोत्री ने शुरू की द दिल्ली फाइल्स की शूटिंग, दिखाई पहले दिन की झलक

13 साल की उम्र में प्रतीक बब्बर को लग गई थी ड्रग्स की लत, बताई वजह

पुष्पा 2 की रिलीज से पहले रश्मिका मंदाना ने दिया अल्लू अर्जुन को खास तोहफा

सभी देखें

जरूर पढ़ें

भूल भुलैया 3 मूवी रिव्यू: हॉरर और कॉमेडी का तड़का, मनोरंजन से दूर भटका

सिंघम अगेन फिल्म समीक्षा: क्या अजय देवगन और रोहित शेट्टी की यह मूवी देखने लायक है?

विक्की विद्या का वो वाला वीडियो फिल्म समीक्षा: टाइटल जितनी नॉटी और फनी नहीं

जिगरा फिल्म समीक्षा: हजारों में एक वाली बहना

Devara part 1 review: जूनियर एनटीआर की फिल्म पर बाहुबली का प्रभाव

अगला लेख
More