तुर्की तो आमिर खान अपनी फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' की शूटिंग के लिए पहुंचे थे, लेकिन शूटिंग तक ही खुद को सीमित रखते तो ठीक था। 15 अगस्त को जनाब मिलने पहुंच गए तुर्की की फर्स्ट लेडी अमीन एर्दोगान से।
तुर्की में हुई इस मुलाकात से हंगामा मच गया भारत में। तुर्की की फर्स्ट लेडी ने ट्विटर पर इस मुलाकात के फोटो शेयर किए और आमिर खान ट्रोलर्स के निशाने पर आ गए और धीरे-धीरे यह आग तेजी से फैल गई।
गुस्सा इस बात को लेकर था कि तुर्की से भारत के राजनैतिक संबंध ठीक नहीं है। तुर्की खुल कर पाकिस्तान का सपोर्ट करता है जिसे भारत नहीं पसंद करता। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के खिलाफ तुर्की के राष्ट्रपति बयान दे चुके हैं।
ऐसे दुश्मन देश में शूटिंग करते तो ठीक था, लेकिन ऐसे लोगों से मुलाकात कर आमिर खान ने लोगों को बोलने का मौका दिया है और इसका असर अब उनकी फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' पर पड़ सकता है।
आमिर खान पिछले कुछ महीनों से इस महत्वाकांक्षी फिल्म की शूटिंग कर रहे हैं। वैसे तो यह फिल्म इसी क्रिसमस पर रिलीज होने वाली थी, लेकिन कोविड-19 के चलते फिल्म की रिलीज अब 2021 के क्रिसमस तक टल गई।
आमिर के खिलाफ आम आदमी ही नहीं बल्कि बड़े-बड़े राजनीतिक दिग्गज भी बोल रहे हैं। सोशल मीडिया पर तो मुहिम चल रही है कि लाल सिंह चड्ढा का बायकॉट किया जाए। कुछ लोगों का कहना है कि फिल्म को भारत में नहीं बल्कि तुर्की में ही रिलीज कीजिए।
लोग खफा है कि आमिर ने दुश्मन से कैसे मुलाकात कर ली। इससे उन्हें क्या हासिल हुआ। करोड़ों फैंस उनके इस कदम से निराश हो गए।
हालांकि आमिर की फिल्म को रिलीज होने में अभी लगभग डेढ़ साल का वक्त बाकी है, लेकिन यदि विरोध इस तरह बढ़ता रहा तो लाल सिंह चड्ढा को उतने दर्शक नहीं मिल पाएंगे जितने कि आमतौर पर आमिर की फिल्म को मिलते हैं।