मुझे अंदर से कहीं से मालूम था कि मेरी यह वाली फिल्म अच्छी चलने वाली है। यानी जब भूल भुलैया 3 के बारे में लोगों के सामने कहा भी गया था, घोषणा की गई थी। तभी से हर कोई मुझसे पूछा था, यह कब आने वाली है, फिल्म कब देख सकेंगे। यानी लोगों के बीच में यह इच्छा थी कि फिल्म जल्द से जल्द उनके सामने आ जाए। और अब देखिए जब भूल भुलैया 3 रिलीज हो चुकी है और अच्छी खासी भीड़ आ रही है।
इसे देखने के लिए तो मन में शांति है कि चलो यह फिल्म आखिरकार चल गई। हालांकि फिल्म आ रही है तो थोड़ा सा मैं प्रेशर में थी लेकिन अब जब फिल्म चल रही है तो मन में शांति हो रही है। बहुत ज्यादा खुशी हो रही है। क्या है ना, 17 साल पहले जो फिल्म आई थी उसको लेकर अभी भी लोग आपसे सवाल पूछते हैं। आमी मंजुलिका ऐसा कह कर दिखाते हैं या फिर आमी जे तोमार यह वाला गाना मुझसे डिस्कस करते हैं। तो लगता है कि चलो मैंने कुछ अच्छा ही किया होगा। वह एक आम चाल चलती भाषा में कहूं तो इस फिल्म का मैं अभी तक खा रही हूं।
यह कहना है विद्या बालन का जो 17 साल बाद एक बार फिर से लोगों के सामने भूल भुलैया 3 में नजर आईं। उनके काम को हमेशा सराहना तो मिल ही है साथ ही साथ उनके लिए बड़ी बात इसलिए भी थी क्योंकि इस बार उन्हें माधुरी दीक्षित जैसी एक्ट्रेस के साथ काम करना था, जिन्हें देखकर वह बड़ी हुई है।
माधुरी के बारे में विद्या आगे बताती हैं कि मुझे तो बिल्कुल भी मालूम नहीं था कि माधुरी दिक्षित इस फिल्म का हिस्सा होने वाली है। वह शायद पहले से ही ऐसा सोच रहे थे। फिर हुआ कुछ ऐसा कि जब मैं हां बोल चुकी थी तो अनीस बज्मी शायद माधुरी जी से मिले और उन्होंने यूं ही पूछ लिया कि क्या तुम फिल्म में काम करना चाहोंगी और माधुरी जी ने हां भी बोल दिया और जैसे ही यह खबर मेरे सामने आई मैं थोड़े से टेंशन में आ गई कि अब यह मुझसे कहा जाएगा कि चलो तुम्हें माधुरी दीक्षित के साथ एक गाने पर तो नाचना ही पड़ेगा।
अब आप सोचिए माधुरी दीक्षित कहां और कहां मैं? और फिर मुझे कह दिया गया एक डांस तो होने ही वाला है। मुझे याद है उन दिनों मैं दो और दो चार फिल्म के प्रमोशन में लगी थी और जैसे ही समय मिलता था मैं फटाफट प्रैक्टिस करने लग जाती थी। इतनी मेहनत की हमने इस गाने को संवारने के लिए अपने डांस को बेहतर बनाने के लिए। हां, हालांकि मैं यह भी कहूंगी कि कहां माधुरी दीक्षित और कहां मेरा डांस? मुझे फिर भी ऐसा लगता है कि ठीक-ठाक निभा लिया मैंने अपने इस डांस को। टेंशन वाली बात तो यह थी कि एक तो यह मेरा गाना मैं भी उसमें और मेरे सामने जो है वह ऐसी बेहतरीन डांसर माधुरी दीक्षित जैसी। मैं भगवान से प्रार्थना ही कर रही थी कि भगवान बचा लेना मुझको।
पुरानी वाली मंजूलिका और इस वाली मंजूलिका में बहुत अंतर रहा है
वह मंजूलिका अवनी थी और यह मंजूलिका मल्लिका है। वह उस मंजुलिका के रूप में चली जाती है और यहां पर आप जानते हैं कि पुराने वाले भूल भुलैया में मंजुलिका किस तरीके से रहा करती थी। यहां पर हमें आपकी उसी समझ पर थोड़ी सी फिरकी लेनी थी और आपको फिल्म के अंत में कुछ नया ही स्वरूप ला कर दिखाना था। वैसे भी प्रियन जी अलग निर्देशक हैं और यह अनीस जी की फिल्म है वह अलग है। मैंने बिल्कुल नहीं सोचा कि मुझे वही मंजूलिका का रूप निभाना है। मैंने इस फिल्म को और इस रोल को बहुत नए रोल की तरह ही निभाया है। यहां तक कि मैंने भूल भुलैया एक भी फिर नहीं देखी।
इस फिल्म के सेट पर भी जब मैं मंजूलिका का वह बिस्तर उठाने वाला बात कर रही थी तो मुझे ऐसा लगता है कि आप की मसल मेमोरी में रह जाता है कि आपने कुछ सालों पहले कैसे इस रोल को या इस काम को निभाया था और जैसे ही वह शॉट दिया मेरे सेट पर एक लड़का मुझे आकर बोला कि मुझे लगा सच में वह वाली मंजुलिका एक बार फिर से आ गई। मुझे उस पल यह महसूस हुआ कि अगर इस दुनिया में सचमुच की मंजूलिका कहीं है। वह हमें दिखे या ना दिखे उसका आशीर्वाद जरूर मेरे साथ है।
अभी आप बहुत एक्स्ट्रा कुछ दिखाई दे रही है
बिल्कुल जब फिल्म चल जाती है तो बहुत अच्छा लगता है। खुशी की चमक चेहरे पर भी आ जाती है लेकिन कई बार जब फिल्में नहीं चलती है तो बुरा लगता है और दो दूनी प्यार की बात करती हूं बहुत अच्छी थी लोगों ने पसंद भी की लेकिन चली नहीं तो जब देखा कि बॉक्स ऑफिस पर उसका अच्छा रिस्पांस नहीं आया है तो मेरा दिल टूट गया। अब आप यह भी जानना चाहेंगे कि कैसे बाहर आते हैं? तो दो दूनी प्यार रिलीज हुई उसके तीन चार दिन के बाद हम लोगों ने आमी जे तोमार का शूट शुरू कर दिया और समय ही नहीं मिला।
लेकिन जब कभी ऐसा होता है तो आप पूछे सिद्धार्थ से मैं रो पीट के दस बार उनको फोन लगाकर बातें करती हूं और बोलती रहती हूं क्या हो गया जो फिल्म नहीं चली क्या इस वजह से नहीं चली या मेरे ऐसा करने की वजह से नहीं चली। वह इतने शांति से मुझे सुनते रहते हैं। उनके मन में एक ही बात चलती है कि बोल लो जितना बोलना है और बोल के इस विषय से और इस दुख से बाहर आ जाओ।
कभी सोचा था हम पांच करते-करते की एक दिन आप इतनी बड़ी ऊंचाइयों को छूने वाली है
बिल्कुल नहीं सोचा था। कल परसों ही सिद्धार्थ मुझसे बोल रहे थे कि तुम ही हो ना वह लड़की जो हर शाम को तैयार होकर बैठ जाती थी। यह सोच कर कि मां उसको एक दिन लेकर जाएगी ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल जहां पर अमिताभ बच्चन भर्ती हैं और तुम जाकर उनसे मिलकर आओगी या फिर तुम ही हो ना वह लड़की जो एक दो तीन गाना देखकर माधुरी दीक्षित के साथ ताल से ताल मिला कर नाचने लग जाती थी। मुझे अभी भी यकीन नहीं होता है कि मैं कहां से कहां आ गई हूं आज? मैंने हमेशा से चाहा कि मुझे सफलता मिले, लेकिन यह सफलता कुछ ज्यादा ही मिल गई। मतलब जितनी सोची थी उससे कहीं गुना ज्यादा मुझे सफलता मिली और लोगों का प्यार मिला है।
सिद्धार्थ को यह फिल्म कैसे लगी?
उन्हें तो बहुत ज्यादा पसंद आई है। अभी कुछ दिन पहले मैं सिद्धार्थ, मेरे मम्मी पापा, मेरी बहन-जीजा जी और उनके जुड़वा बच्चे हम सभी लोग मिलकर गेटी गैलेक्सी सिनेमा हॉल में यह फिल्म देखने के लिए गए थे। सबको बहुत अच्छी लगी है। सबसे ज्यादा मजेदार था मेरी मां का रिएक्शन क्योंकि जब भी मैं उनके साथ देखने जाती हूं। मेरी फिल्म हो तो वह सिनेमा हॉल से बाहर आती हैं और कहती है कि मुझे एक बार फिर से देखनी है। होता ये है कि मेरी मां मुझे पर्दे पर देखकर इतनी नर्वस हो जाती है कि वह फिर भी नहीं देख पाती है तो उन्हें दोबारा फिल्म दिखानी पड़ती है।
लेकिन इस बार जब फिल्म देखकर जैसे ही बाहर निकली, वह मुझे देख कर बोली, तुम बहुत अच्छी लग रही हो। और जहां तक बातें सिद्धार्थ के माता-पिता की तो वह अभी शहर में नहीं है। जब भी वह आ जाएंगे उनके साथ भी मुझे फिल्म देखने जाना है वह तब देखेंगे। मेरी बहन के दोनों जुड़वा बच्चे हैं। उनको भी यह फिल्म बहुत अच्छी लगी और कहते हैं ना कि अगर फिल्म बच्चों को पसंद आ जाए तो मान लीजिए, वह है दोनों बच्चे अपने अलग-अलग दोस्तों के साथ यह फिल्म और दो बार थिएटर में देख कर आ गए हैं।