मैं दिव्या खोसला कुमार को पहले भी अपने घर के गेट-टु-गेदर में देख चुकी थी या कहीं पार्टी में देखा था। मैं सोचती थी कि यह वही लड़की है जो अभिनय कर ही रही है, निर्देशिका भी बन चुकी है, म्यूजिक एल्बम भी कर रही है और साथ ही साथ एक मां है। इतना सब करने के बावजूद उनके चेहरे की मासूमियत बरकरार है। उनके चेहरे पर जो ताजापन है वह वैसा का वैसा ही बना हुआ है।
उन्हें मैं हमेशा से पसंद करती आई थी। फिर हुआ कुछ यूं कि एक बार मैंने अपने इंस्टाग्राम पर अक्षय कुमार की कुछ फिल्मों की क्लिपिंग देखी तो अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों में भी दिव्या ने अक्षय के साथ काम किया था। वैसे तो अक्षय की बड़ी फैन हूं। और जब मैं दिव्या को उसमें देखा तब पाया कि इतने सालों पहले जो उन्होंने एक्टिंग की थी। लड़की वैसी की वैसी ही दिखती है। कोई अंतर ही नहीं आया है। तो न जाने क्यों मेरे दिमाग में एक बात आई। और मैंने सोचा दिव्या को ही ले लिया जाए सत्यमेव जयते 2 के लिए।
यह कहना है मोनिशा आडवाणी का जो कि सत्यमेव जयते 2 की निर्माता है। मीडिया से खास बातचीत करते हुए मोनीषा आगे बताती हैं कि जब यह बात मेरे दिल में आई तो एक बार ऐसे ही मीटिंग के दौरान मैं भूषण के केबिन में गई और वहां पर बोला कि मुझे आपसे कुछ अलग से बात करनी है, तो क्या बात हो जाए? उस समय मिलाप भी वहीं बैठे थे। भूषण ने बाकी के लोगों को थोड़ी देर रूम के बाहर इंतजार करने के लिए कहा और मुझसे पूछा। तब मैंने अपने दिल की बात मिलाप और भूषण दोनों को बताई।
मैंने भूषण से कहा कि मुझे लगता है पत्नी के किरदार के लिए हमें दिव्या से बात करनी चाहिए। होता यह है कि जब हीरो और उसका किरदार इतना बड़ा होता है तो आमतौर पर मान लिया जाता है कि लड़की के काम करने के लिए कुछ बचेगा नहीं, अभिनेत्री से दिखाने के लिए है। जबकि सत्यमेव जयते में जो पत्नी का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री होगी, वह बहुत जरूरी है कि दमदार अभिनेत्री भी हो क्योंकि उसका रोल भी फिल्म को आगे बढ़ाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है तो ऐसे में मुझे दिव्या इस रोल के लिए बिल्कुल ही फिट लगी।
इस फिल्म में एक नहीं तीन-तीन जॉन अब्राहम है।
हां, बिल्कुल एक साथ तीन-तीन जॉन अब्राहम, मैं भी सुन कर थोड़ी चौक गई थी। लेकिन जिस तरीके से जॉन ने अपना काम किया है। उसे देख कर मैं चौंक गई थी। आप की भी यही हालत होगी। एक बार जब आप यह फिल्म देखेंगे हम जहां पर हैं, इंटरव्यूज दे रहे हैं यानी टी सीरीज के ऑफिस में वहीं पर हमने प्रिव्यु थिएटर में इसके कुछ भाग देखे थे और मैंने जॉन की तरफ मुड़कर देखा और कहा, इस फिल्म में तुम बहुत अलग लग रहे हो। जॉन ने जवाब दिया, मैं हर फिल्म में अलग ही लगता हूं। फिर मैंने कहा, नहीं तुम एक ही फिल्म में तीन किरदार निभा रहे हो, लेकिन तीनों में इतनी अलग तुम्हारी पहचान बन कर आती है कि लगता है कि एक तो है लेकिन कहीं भी एक जैसे नहीं।
आपने पैंडेमिक के समय में भी शूट किया? बहुत ज्यादा ध्यान रखना पड़ा होगा।
बिल्कुल बहुत ज्यादा ध्यान रखना पड़ा था। बहुत इतिहास ही नहीं पढ़ रहे थे और अभी थोड़े दिन पहले की बात है कि हम लोगों की टीम एक ऐसी जगह पर थी। जहां पर हम सभी कोरोना वॉरियर्स को सम्मानित कर रहे थे। ऐसे में जब भी प्रोग्राम चल रहा था तब मैंने सबके सामने बोला कि कोरोना वॉरियर्स तो वह लोग भी हैं जो एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से जुड़े हुए हैं। वर्ना सोचिए पूरे पैंडेमिक में लॉकडाउन में लोगों को मनोरंजन कैसे मिलता इन लोगों ने शूट किया है। और मेहनत की है सारी बातों को ध्यान में रखते हुए। कंटेंट बनाया है ताकि ओटीटी प्लेटफॉर्म भी चल सके, सीरियल सभी लोगों के सामने आ सके। तो कोरोनावायरस भी है जो एंटरटेनमेंट से जुड़ा हुआ है। यहां तक कि पत्रकार भी है। और इन सभी ने एक दूसरे का हौसला बनाए रखा।
आपको कभी नहीं लगा कि ऐसे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर भी रिलीज किया जा सकता है।
बिल्कुल भी नहीं मुझे ऐसा कभी भी नहीं हो और मुझे क्या किसी को भी नहीं लगा। हम इस विषय पर टी सीरीज के ऑफिस में तीन बार मिले। मैं दूसरी निर्माता मधु, भूषण और मिलाप तीनों बार हम एक ही बात बोले कि नहीं, हम जब तक इंतजार करना होगा, हम इंतजार करेंगे लेकिन इस फिल्म को तो हम बड़े पर्दे पर यदि थिएटर पर ही लेकर आने वाले हैं।