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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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आशा भोसले से जब आरडी बर्मन ने मांगे ऑटोग्राफ

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समय ताम्रकर

कहते हैं कि समय का असर सभी पर होता है, लेकिन 8 सितंबर 1933 को जन्मी आशा की आवाज में आज भी वही खनक और मोहक अंदाज मौजूद है।
 
आशा भोसले एक ऑलराउंडर गायिका हैं। वे कैबरे सांग भी उतनी ही सहजता से गा लेती हैं, जितना कि भजन। आशा ने जब अपना करियर शुरू किया था, तब एक से एक दिग्गज गायिकाएँ मौजूद थीं। उनके घर पर ही लता जैसी महान गायिका मौजूद हैं। आशा को तब फिल्म में एकाध कमजोर गाना गाने का अवसर मिलता था। इतनी कठिन चुनौतियाँ होने के बावजूद भी आशा ने अपना एक अलग मकाम बना लिया। लता जैसे विशाल वृक्ष के नीचे रहते हुए भी उन्होंने अपनी पहचान बनाई।
 
सफलता का राज 
रियाज को आशाजी अपनी सफलता का राज मानती है। बुलंदियों के शिखर को छूने के बावजूद आज भी वे उसी लगन, अनुशासन और समर्पण के साथ रियाज करती हैं। वर्षों से चले आ रहे नियम को उन्होंने कभी भंग नहीं किया। नियम की इतनी पक्की है कि जो चीज गले के लिए हानिकारक है उसे उन्होंने खाना छोड़ दिया तो आज तक पलटकर देखा भी नहीं। अपने अनुशासन के अलावा आशा अपनी सफलता के पीछे संगीत जगत के कई दिग्गजों को भी श्रेय देती हैं। उनके मुताबिक पहले के संगीतकारों के सान्निध्य में गाने के कारण उनमें जबरदस्त सुधार हुआ। उन्होंने आशा को गायन की कई बारीकियां सिखाई। कब सांस लेना, कब छोड़ना, शब्दों का सही उच्चारण, भाषा का ज्ञान जैसे पहलू आशा ने उन संगीतकारों के माध्यम से ही सीखें।
 
आरडी बर्मन की याद 
आरडी आज भी आशा के दिल में बसे हैं। आशा का मानना है कि आरडी बर्मन को वो श्रेय नहीं मिल पाया जिसके वे हकदार थे। आज जो रिमिक्स का दौर चल रहा है उसमें से लगभग 80 प्रतिशत गीत आरडी बर्मन के ही हैं। आशा को आज भी आरडी से अपनी पहली मुलाकात याद है। ‘अरमान’ फिल्म बन रही थी। उस दौरान एसडी बर्मन ने आशा से आरडी की मुलाकात कराते हुए कहा कि यह मेरा लड़का है। आरडी ने ज्यादा बात तो नहीं की, लेकिन एक नोट बुक आशा की ओर बढ़ाते हुए ऑटोग्राफ मांग लिए। आशा ने उस समय सोचा भी नहीं था कि एक दिन वे आरडी से शादी करेंगी।
 
लता से कोई गिला नहीं
करियर के शुरुआती दौर में उन्हें बी और सी ग्रेड फिल्मों के गाने मिलें। सारे संगीतकार लता को अच्छा और आशा को दोयम दर्जे का गीत गाने को देते थे। आशा और लता की तुलना करना कतई उचित नहीं है। दोनों एक रस्सी के दो छोर हैं। छोर के बिना डोर की कोई अहमियत नहीं है। वे अपनी दीदी को अपना आदर्श मानती हैं और उनसे कोई शिकवा-गिला उनके मन में नहीं है।
 
चंद सदाबहार नगमे
आशा ने सैकड़ों सदाबहार और मधुर गीत गाए हैं, जिन्हें यहाँ देना संभव नहीं है। फिर भी कुछ नगमे यहां दिए जा रहे हैं। 
* ऐ गमे दिल क्या करूं : ठोकर 
* चलो चलें माँ, सपनों के गांव में : जागृति 
* छुन-छुन घुंघरू बोले : फागुन
* कोई आया धड़कन कहती है : लाजवंती 
* बेकसी हद से जब गुजर जाए : कल्पना
* सच हुए सपने तेरे : काला बाजार 
* भंवरा बड़ा नादान है : साहिब, बीबी और गुलाम 
* ओ पंछी प्यारे : बंदिनी 
* बलमा खुली हवा में : कश्मीर की कली 
* दिल लगाकर हम ये समझे : जिंदगी और मौत 
* जब चली ठंडी हवा : दो बदन 
* वो हंस के मिले हमसे : बहारें फिर भी आएँगी
* ये है रेशमी जुल्फों का अंधेरा : मेरे सनम
* जाइए आप कहां : मेरे सनम
* रात अकेली है : ज्वेल थीफ
* दम मारो दम : हरे रामा हरे कृष्णा 
* दुनिया में : अपना देश 
* परदे में रहने दो : शिकार 
* झुमका गिरा रे : मेरा साया 
* चुरा लिया है : यादों की बारात
* जाने जां, ढूंढता फिर रहा : जवानी-दीवानी
* तोरा मन दर्पण : काजल
* आओ हुजूर तुमको सितारों पे ले चलूं : किस्मत 
* दिल चीज क्या है आप मेरी : उमराव जान
* ये क्या जगह है दोस्तों : उमराव जान 
* मेरा कुछ सामान : इजाजत
* खाली शाम हाथ आई है : इजाजत
* पिया तू अब तो आजा : कारवां 
* ओ हसीना जुल्फों वाली : तीसरी मंजिल
* ओ मेरे सोना रे : तीसरी मंजिल
* ये मेरा दिल : डॉन
* हो जा रंगीला रे : रंगीला
* मुझे रंग दे : तक्षक
* कमबख्त इश्क : प्यार तूने क्या किया
* राधा कैसे न जले : लगान

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