पटना। बिहार विधानसभा चुनाव (bihar assembly election 2020) में इस बार मतदान का प्रतिशत भी बढ़ेगा और बहुत संभावना है कि मतदाताओं के मतदान करने का बर्ताव भी बदले। ऐसा बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों के बिहार लौटने की वजह से होगा।
कोरोना महामारी (Coronavirus) की वजह से देश भर में लगाए गए लॉकडाउन के बीच बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर बिहार लौटे हैं। एक आकलन के मुताबिक 50 लाख के करीब मजदूर बिहार लौटे हैं। चुनाव आयोग का कहना है कि बिहार लौटे मजदूरों में 16 लाख के करीब मतदाता हैं। यह संख्या भी मामूली नहीं है।
केंद्र सरकार ने खुद संसद में बताया है कि लॉकडाउन की अवधि में एक करोड छह लाख मजदूर वापस लौटे हैं। जाहिर है इनमें सबसे बडी संख्या बिहार लौटने वाले मजदूरों की ही होगी।
पिछली बार चुनाव में बिहार में 56.6 फीसदी मतदान हुआ था, जिसमें महिलाओं का हिस्सा 60.5 फीसदी था। बिहार में महिलाओं के ज्यादा वोट प्रतिशत का कारण यह होता है कि बड़ी संख्या में पुरुष कामकाज के सिलसिले में दूसरे राज्यों में होते हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने 15 वर्षीय कार्यकाल में महिलाओं के लिए के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। शराबबंदी होने से भी महिलाओं को काफी राहत मिली है। इस वजह से इन महिलाओं का ज्यादातर हिस्सा नीतीश कुमार के समर्थन में वोट करता है। अपने परिवार के पुरुष सदस्यों की गैरहाजिरी में ये महिलाएं जिस तरीके से मतदान करती रही हैं, वैसा इस बार नहीं होगा।
इस बार घर के पुरुष सदस्य बहुत परेशान होकर बिहार लौटे हैं। नौकरी गंवाकर लोग पैदल ही घर के लिए रवाना हो गए थे। रास्ते में उन्हें कैसी-कैसी परेशानियां हुईं, यह सबको पता है।
यह भी सब जानते हैं कि बिहार के मुख्यमंत्री नहीं चाहते थे कि प्रवासी मजदूर बिहार लौटें। इसलिए इस बार पुरुष सदस्यों की मौजूदगी में महिलाएं अलग तरह से मतदान करेंगी, जिसका कुछ न कुछ नुकसान सत्तारूढ गठबंधन को हो सकता है।