पूर्णिया/पटना। बिहार के पूर्णिया जिले के केहाट थाना क्षेत्र में एक दलित नेता की हत्या मामले में राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव और उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव सहित 6 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है। केहाट थाना क्षेत्र में रविवार सुबह नकाबपोश अपराधियों ने दलित नेता शक्ति मलिक के घर में घुसकर गोली मारकर उनकी हत्या कर दी।
पुलिस अधीक्षक विशाल शर्मा ने इस मामले में तेजस्वी प्रसाद यादव एवं तेजप्रताप यादव सहित कुल 6 लोगों के खिलाफ केहाट थाने में प्राथमिकी दर्ज किए जाने की पुष्टि की है। केहाट थानाध्यक्ष सुनील कुमार मंडल ने बताया कि मृतक की पत्नी खुशबू देवी के बयान के आधार पर तेजप्रताप, तेजस्वी, अनिल कुमार साधु (राजद एससी-एसटी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष), मनोज, सुनीता और कालो पासवान के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है।
उन्होंने बताया कि मलिक की पत्नी ने राजनीतिक साजिश के तहत अपने पति की हत्या किए जाने का आरोप लगाया और कई नेताओं के नाम लिए। उन्होंने कहा कि उनके पति राजद से निकाले जाने के बाद एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। वारदात की सूचना मिलने पर पुलिस अधीक्षक विशाल शर्मा और अनुमंडल पुलिस अधिकारी सदर आनंद पांडेय ने वारदात स्थल पहुंचकर निरीक्षण किया था। पुलिस ने वारदात स्थल से एक खोखा और देशी कट्टा बरामद किया है।
हाल ही में बिहार की प्रमुख विपक्षी पार्टी राजद से निष्कासित कर दिए गए मलिक पड़ोसी जिले अररिया के रानीगंज विधानसभा से चुनाव लड़ने की तैयारी में थे। मलिक ने हत्या के पहले राजद नेता तेजस्वी यादव सहित पार्टी के अन्य नेताओं पर टिकट के बदले पैसे की मांग करने, जातिगत टिप्पणी करने और उनसे अपनी जान का खतरा होने का आरोप लगाया था।
बिहार में सत्ताधारी जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने आरोप लगाया कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी लगातार दलितों, पिछड़ों, वंचितों की बात करते हैं लेकिन एक वीडियो वायरल हुआ है और वही नेता प्रतिपक्ष की असलियत है। उन्होंने कहा कि रानीगंज विधानसभा क्षेत्र के राजनीतिक कार्यकर्ता शक्ति मलिक की हत्या हो गई जिन्होंने टिकट के लिए कुछ दिन पहले तेजस्वी यादव पर पैसों के लेन-देन का आरोप लगाया था।
प्रसाद ने कहा कि तेजस्वी ने मलिक से 50 लाख रुपए पहले एवं 20 लाख रुपए टिकट फाइनल होने के बाद मांगे थे और इससे इंकार करने पर शक्ति मलिक को जातिसूचक शब्दों के द्वारा गाली दी गई और उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। जदयू नेता अजय आलोक ने मांग की कि चुनाव आयोग इस मामले में संज्ञान लेते हुए मामले की जांच सीबीआई से कराए। (भाषा)