इन दिनों बालों की क्वालिटी सुधारने के लिए कई तकनीकें आ गई हैं। ऐसे कई ट्रीटमेंट मौजूद हैं, जो आपके बालों की गिरती क्वालिटी की रोकथाम कर सकते हैं। इन्हीं में से एक है 'केराटीन ट्रीटमेंट'। अक्सर लड़कियों व महिलाओं को लगता है कि 'केराटीन ट्रीटमेंट' लेने के बाद उनके बाल पूरी तरह से स्ट्रेट हो जाएंगे, साथ ही उन्हें रीबॉन्डिंग, स्मूदनिंग, स्ट्रेटनिंग और केराटीन में फर्क नहीं पता होता।
तो आइए, आज आपको बताएं कि केराटीन ट्रीटमेंट क्या होता है?
जब आपके बालों की क्वालिटी खराब हो जाती है यानी कि वे जरूरत से अधिक टूटने लगते हैं, रूखे, बेजान व फ्रिजी हो जाते हैं व उनकी चमक खत्म हो जाती है, तब इन्हीं खोई चीजों को वापस पाने व आपके बालों की क्वालिटी सुधारकर उन्हें मजबूत बनाने के लिए बालों पर 'केराटीन ट्रीटमेंट' दिया जाता है।
क्या होता है केराटीन ट्रीटमेंट?
इस ट्रीटमेंट में आपके बालों को केमिकल का इस्तेमाल करके ट्रीट किया जाता है। इसमें बालों पर प्रोटीन की एक परत चढ़ाई जाती है जिसे प्रेसिंग की मदद से आपके बालों में प्रोटीन लेयर को लॉक किया जाता है। इस ट्रीटमेंट के बाद आपके बाल पहले से ज्यादा मजबूत हो जाते हैं, उनकी खोई चमक वापस आती है और फ्रिजनेस दूर हो जाती है, साथ ही बाल सिल्की लगने लगते हैं।
केराटिन, रीबॉन्डिंग और स्मूदनिंग से बिलकुल अलग है। कैराटिन ट्रीटमेंट में बालों को रिपेयर करने का काम किया जाता है वहीं रीबॉन्डिंग और स्मूदनिंग में बालों को स्ट्रेट किया जाता है। केराटिन में इस्तेमाल होने वाले उत्पाद मॉइल्ड होते हैं जबकि रीबॉन्डिंग और स्मूदनिंग में इस्तेमाल होने वाले कैमिक्लस हार्ड होते हैं।