क़ैद का मक़सद
जब जज किसी को सज़ा सुनाते हैं तो चार बातों की भूमिका अहम होती है। पहली, किसी को उसके किए की सज़ा देनी है। दूसरा, उसके बर्ताव को सुधारना है। तीसरा, उसकी सुरक्षा है क्योंकि जिन लोगों के ख़िलाफ़ उसने जुर्म किए हैं, वो उससे बदला लेने के लिए नुक़सान भी पहुंचा सकते हैं। चौथी बात बाक़ी समाज को संदेश देना है कि ऐसे अपराध करने पर सख़्त सज़ा होगी।