वाशिंगटन। अमेरिका के एक शीर्ष राजनयिक ने बुधवार को कहा कि चीन धार्मिक स्वतंत्रता के मामले में परेशानी खड़ा करना वाला देश बना हुआ है और तिब्बत के बौद्धों की मुश्किल स्थिति बनी रहेगी।
अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के लिए अमेरिका के राजदूत सैम ब्राउनबैक ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान पत्रकारों से कहा, 'तिब्बत के बौद्धों...ईसाइयों, फालुन गोंग का पालन करने वालों के लिए बेहद मुश्किल बनी हुई है। चीन धार्मिक स्वतंत्रता के मामले में बहुत ही परेशानी खड़ा करने वाला देश बना हुआ है।'
अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर विदेश विभाग की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी अधिकारी बौद्ध भिक्षुओं समेत तिब्बत के बौद्धों के आत्मदाह करने की संख्या के बारे में सूचना छिपाते रहे है हालांकि मीडिया ने आत्मदाह की छह घटनाओं की खबर दी और एक घटना में तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर) में एक व्यक्ति ने अपना गला काटकर आत्महत्या कर ली।
रिपोर्ट में कहा गया है, 'टीएआर के बाहर के क्षेत्र समेत देश में तिब्बत बौद्ध खुले तौर पर दलाई लामा की पूजा नहीं करने के लिए स्वतंत्र नहीं है।'
इसमें कहा गया है, 'हालांकि ऐसा कोई सार्वजनिक कानून नहीं है जो इससे रोकता हो लेकिन अधिकारी किसी व्यक्ति द्वारा दलाई लामा की किसी भी तस्वीर को लगाने को संदिग्ध नजरों से देखते हैं और उन लोगों को अलगाववादी खतरे के तौर पर दलाई लामा का समर्थक मानते हैं।'
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल फरवरी में शिनजियांग के अधिकारियों ने इस्लाम, ईसाई और तिब्बत बौद्ध धर्म की कुछ परंपराओं समेत 26 धार्मिक गतिविधियों को गैरकानूनी बताया था। (भाषा)