भारतीय विदेश मंत्रालय ने सोमवार को जानकारी दी थी कि यूक्रेन से अब तक छह उड़ानों के ज़रिए 1,400 भारतीय नागरिकों को निकाला जा चुका है।
मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सोमवार की शाम को प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान बताया था कि चार उड़ानें बुखारेस्ट (रोमानिया) और दो उड़ानें बुडापेस्ट (हंगरी) से भारत आई हैं।
इस दौरान उन्होंने बताया कि लोगों को निकालने की कोशिशों के दौरान ज़मीन पर परिस्थितियां बेहद जटिल और चिंताजनक हैं, लेकिन इस प्रक्रिया में तेज़ी लाई जा रही है और जब दिशा-निर्देश जारी किए गए थे, तब 8,000 भारतीय नागरिक यूक्रेन में थे। लेकिन भारत सरकार के प्रयासों को लेकर शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने सवाल उठाए हैं।
उन्होंने स्टूडेंट्स को यूक्रेन से सुरक्षित निकाले जाने की कोशिशों पर ट्वीट करके सवाल उठाए, जिस पर पोलैंड के राजदूत ने उन्हें जवाब भी दिए। ट्विटर पर दोनों पक्षों के बीच जमकर तू-तू मैं-मैं हुई।
क्या कहा शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने : यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को वहां से निकालने का मुद्दा भारत में काफ़ी गरम हो चला है। इसे लेकर सोमवार की देर शाम शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी और भारत में पोलैंड के राजूदत एडम बुराकोव्स्की के बीच कहासुनी हो गई।
असल में राज्यसभा में शिवसेना की उपनेता प्रियंका चतुर्वेदी रविवार से ही यूक्रेन में फंसे भारतीय स्टूडेंट्स की समस्याएं अपने ट्विटर एकाउंट के ज़रिए ज़ोर-शोर से उठाते हुए उनके लिए मदद की गुहार लगा रही थीं।
लेकिन सोमवार की शाम क़रीब पांच बजे उन्होंने पोलैंड और लिथुआनिया के दूतावास और भारतीय विदेश मंत्रालय को टैग करते हुए एक ट्वीट किया।
इसमें उन्होंने लिखा, ''नमस्ते @IndiainPoland, बहुत से भारतीय स्टूडेंट्स को पोलैंड में घुसने से रोक दिया गया है। कुछ स्टूडेंट्स को, जिन्हें कल (रविवार को) अनुमति दी गई थी, उन्हें भी वापस भेज दिया गया है। इससे घर पर उनके माता-पिता डर गए हैं। ऑपरेशन गंगा (यूक्रेन से भारतीयों को निकालने के अभियान) और भारतीय विदेश मंत्रालय से अनुरोध है कि वे इसमें दख़ल दें।''