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धोनी ने सुशांत सिंह राजपूत से क्यों कहा था- तुम सवाल बहुत पूछते हो

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BBC Hindi

, मंगलवार, 7 जुलाई 2020 (11:40 IST)
पराग पाठक, बीबीसी मराठी संवाददाता
सुशांत सिंह राजपूत पटना के रहने वाले थे तो महेंद्र सिंह धोनी का घर रांची है। अलग राज्य बनने से पहले झारखंड बिहार का ही हिस्सा था इसलिए दोनों जगहों में समानता है।
 
सुशांत सिंह राजपूत का व्यक्तित्व ऐसा था कि किसी को भी आकर्षित कर सकता था। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान उनका झुकाव अभिनय की तरफ़ हो गया और उन्होंने बीच में ही पढ़ाई छोड़कर बॉलीवुड का रुख़ कर लिया।
 
टीवी सीरियल में काम करने के बाद वो हिंदी भाषी प्रदेशों में घर-घर में पहचाने जाने लगे। इसके बाद उनकी यात्रा बड़े पर्दे पर शुरू हुई।
 
दूसरी तरफ़ महेंद्र सिंह धोनी ने रांची में अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की। फुटबॉल में गोलकीपर की भूमिका में खेलने वाले धोनी क्रिकेट में विकेटकीपर की भूमिका में खेलने लगे।
 
लंबे बालों वाले धोनी को बाइक का बहुत शौक है। उन्होंने खड़गपुर रेलवे स्टेशन पर टीसी की नौकरी की। उन्होंने झारखंड की रणजी टीम के साथ शुरुआत की और इसके बाद फिर इंडिया ए टीम होते हुए टीम इंडिया तक सफ़र तय किया।
 
इसके बाद तो वो टीम इंडिया के एक शानदार बल्लेबाज़ और सफल कप्तान बनकर उभरे। मैच फिनिशर के रूप में उन्होंने क्रिकेट प्रेमियों के बीच अपनी ख़ास जगह बनाई।
 
महेंद्र सिंह धोनी को क्रिकेट प्रेमी प्यार से माही बुलाते हैं। उन्हें इस बात के लिए भी जाना जाता है कि शिखर पर पहुँच कर उन्होंने कभी अपना धैर्य नहीं खोया और हमेशा शांत चित रहे।
 
सुशांत सिंह राजपूत के चेहरे बनावट या फिर कद-काठी धोनी से नहीं मिलती थी फिर भी वो बड़े पर्दे पर धोनी की भूमिका निभाने को तैयार हो गए। उन्होंने इस रोल को निभाने में कोई कसर भी नहीं छोड़ी।
 
पर्दे पर धोनी बनने के लिए सुशांत सिंह राजपूत ने पूर्व क्रिकेटर किरण मोरे से एक साल तक ट्रेनिंग ली। किरण ने उन्हें सिखाया कि एक विकट कीपर कैसे सोचता है और उसकी मूवमेंट कैसे होती है।
 
कैसे वो अपने आप को फिट रखता है और कैसे गेंदबाज़ के साथ समन्वय बनाता है। बिल्कुल किसी क्रिकेटर की तरह उन्होंने सुशांत को ट्रेनिंग दी। एक वीडियो एनालिस्ट ने उन्हें धोनी के हर शॉट की बारीकी समझाई ताकि किस गेंद को कैसे खेलना वो सुशांत को समझ आ सके।
 
आगे बढ़कर कैसे बड़े शॉट लगाने हैं और कैसे बैट को पकड़ना है, ये सब वीडियो एनालिस्ट की मदद से सुशांत ने इस किरदार को निभाने के लिए समझा। सुशांत को धोनी के मशहूर हेलिकॉप्टर शॉट को छह फ्रेम में दिखाया गया।
 
फिर बॉलिंग मशीन की मदद से सुशांत को गेंद फेंके गए। सुशांत एक दिन में तीन सौ से ज्यादा बार हेलिकॉप्टर शॉट की प्रैक्टिस करते थे ताकि स्क्रीन पर उनका शॉट बनावटी ना लगे।
 
किरण मोरे और वीडियो एनालिस्ट से ट्रेनिंग लेने से पहले सुशांत ने जुहू में गौतम मांगेला से बेसिक ट्रेनिंग ली थी।
 
गौतम पिछले 25 सालों से एक क्रिकेट एकेडमी चलाते हैं। अपने बेटे के साथ मिलकर वो युवा खिलाड़ियों को अपने एकेडमी में ट्रेनिंग देते हैं।
 
धोनी की भूमिका निभाने की तैयारी
धोनी बनने की एक साल की ट्रेनिंग के दौरान सुशांत तीन बार धोनी से मिले थे। पहली मुलाक़ात में सुशांत ने धोनी के मुंह से उनकी कामयाबी के सफर के बारे में सुना। दूसरी मुलाक़ात में सुशांत के पास धोनी से पूछने के लिए ढेर सारे सवाल थे।
 
जब धोनी ने सुशांत से कहा कि तुम सवाल बहुत पूछते हो तो सुशांत का जवाब था कि "फैन आपको मुझ में ढूंढने वाले हैं इसलिए मुझे आपको समझना पड़ेगा।"
 
किरण मोरे ने सुशांत को धोनी के किरदार को निभाने में मदद की थी और उनकी कोशिशों को नज़दीक से देखा था।
 
वो कहते हैं, "सुशांत एक कलाकार थे, क्रिकेटर नहीं। लेकिन उन्होंने क्रिकेट की सभी बारिकीयो को सीखा। वो कड़ी मेहनत करने के लिए तैयार रहते थे। उन्होंने तेज़ गेंजबाज़ों के साथ-साथ बॉलिंग मशीन का भी सामना किया। उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। सुशांत ने डेढ़ महीने का वक़्त लिया धोनी के हेलीकॉप्टर शॉट को आत्मसात करने में। वो नेट पर हर रोज़ 300 से 400 गेंदों का सामना करते थे।"
 
बल्लेबाज़ी के वक़्त आपके पास बल्ले का सहारा होता है लेकिन जब आप विकेटकीपिंग करते हैं तो गेंद सीधे आपके पास आती है। प्रैक्टिस के दौरान सुशांत को चेहरे, उंगलियों और सीने पर चोट आई थी। एक बार गेंद से उनकी पसलियों में चोट आ गई थी तो उन्हें दस दिनों तक आराम करना पड़ा था।
 
किरण मोरे बताते हैं कि सुशांत अंधेरी के हंसराज मोरारजी पब्लिक स्कूल ग्राउंड, चंद्रकांत पंडित एकेडमी और बीकेसी कॉम्पलेक्स ऑफ़ मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन में प्रैक्टिस करते थे। सुशांत को सात बजे सुबह प्रैक्टिस के लिए आना होता था। वो कभी भी देर नहीं होते थे।
 
धोनी के रोल के लिए सुशांत को कैसे चुना गया था?
धोनी के बिज़नेस पार्टनर और फिल्म के निर्माता अरूण पांडे इसे लेकर एक क़िस्सा सुनाते हैं कि कैसे सुशांत को इस भूमिका के लिए चुना गया था।
 
धोनी की टीम ने कुछ नाम इस रोल के लिए छांटे हुए थे, उनमें सुशांत का भी नाम था। फ़िल्म काई पो चे में सुशांत ने क्रिकेट कोच की भूमिका निभाई थी। इसलिए ऐसा लगता था कि वो क्रिकेट खेल चुके थे। धोनी की भूमिका निभाने में भी उनकी दिलचस्पी थी।
 
जब धोनी से पूछा गया कि उन्होंने काई पो चे देखी है तो उन्होंने बताया कि हां, उन्होंने सुशांत की एक्टिंग फ़िल्म में देखी है। इसलिए फ़िल्म का डायरेक्टर कौन होगा, इससे पहले यह तय हो गया था कि सुशांत ही धोनी की भूमिका निभाएंगे।
 
जब फ़िल्म की तैयारी चल रही थी तब सुशांत लगातार धोनी के मैच देखा करते थे। वो होटल की लॉबी में बैठकर धोनी की शख्सियत को समझने की कोशिश किया करते थे।
 
वो बारिकी के साथ धोनी के हर व्यवहार पर नज़र रखते थे। वो अपने टीम के साथियों से कैसे बात करते हैं, वो अपने फैन से कैसे बात करते हैं और किसी अजनबी से कैसे मिलते हैं। उनका तौर-तरीक़ा क्या है। उनके भाव कैसे हैं सबकुछ।
 
फिटनेस को लेकर कड़ी मेहनत
क्रिकेट की दुनिया में धोनी को अपने फिटनेस के लिए जाना जाता है इसलिए सुशांत को ऐसे क्रिकेटर की भूमिका निभाने के लिए कड़ी मेहनत करनी थी।
 
पहले चरण में उनके शारीरिक क्षमता का परिक्षण किया गया। इस चरण में उन्हें व्यायाम, बॉक्सिंग, बाधा दौड़ और ट्रैकिंग जैसे बीस शारीरिक गतिविधियाँ करनी पड़ी।
 
दूसरे चरण में सुशांत को बैलेट डांसिंग की ट्रेनिंग लेनी पड़ी। तीसरे चरण में सुशांत को जिम में मशीन के सहारे पसीना बहाना पड़ा। इसके अलावा साइकलिंग और फुटबॉल भी खेलने पड़े।
 
जब फ़िल्म 'एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी' रिलीज़ होने वाली थी तो बीबीसी ने सुशांत सिंह राजपूत का इंटरव्यू किया था। उस इंटरव्यू के दौरान सुशांत ने कहा था कि उनकी और धोनी की ज़िंदगी एक जैसी है।
 
उन्होंने कहा था, "मेरे और धोनी के जीवन में बहुत सारी समानताएँ हैं। इससे मुझे धोनी की भूमिका निभाने में मदद मिली। मैं उनकी जीवन यात्रा में ख़ुद को देख रहा था। इसलिए मेरे लिए उनकी भूमिका को निभाना थोड़ा आसान रहा।"
 
"हालांकि हमारे क्षेत्र अलग-अलग हैं लेकिन हमारे जीवन का पैटर्न एक जैसा है। हम हर फ्रंट पर जोखिम लेते हैं और कामयाब होते हैं। लोगों को धोनी के बारे में बहुत कुछ पता है इसलिए पर्दे पर छोटी से हुई गलती भी बड़ी लगेगी।"
 
एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी 30 सितंबर, 2016 को रिलीज हुई थी। फिल्म का निर्देशन नीरज पांडे ने किया था। क्रिकेट और सिने प्रेमियों के बीच फिल्म को जबरदस्त कामयाबी मिली थी। यह फिल्म तेलुगू और तमिल में भी डब की गई थी।

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