- फ़ैक्ट चेक टीम (बीबीसी न्यूज़)
अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के व्यापारी अवि डांडिया का एक वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ वायरल हो गया है कि 2019 का लोकसभा चुनाव जीतने के लिए बीजेपी ने ही पुलवामा में सीआरपीएफ़ के काफ़िले पर हमला करवाया और ये पार्टी की एक चाल थी।
वायरल वीडियो में अवि डांडिया अपने दावे को मज़बूती देने के लिए एक कथित कॉल रिकॉर्डिंग सुनवाते हैं जिसमें भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह और भारत के गृह मंत्री राजनाथ सिंह को इस बारे में एक अनजान महिला के साथ बात करते हुए सुना जा सकता है। इस भ्रामक कॉल रिकॉर्डिंग को सुनकर ऐसा लगता है कि पुलवामा हमले की साज़िश बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने ही रची थी। लेकिन अपनी पड़ताल में हमने पाया है कि ये कॉल रिकॉर्डिंग फ़ेक यानी फर्जी है।
1 मार्च को अवि डांडिया ने अपने फ़ेसबुक पेज के ज़रिए लाइव आकर ये ऑडियो लोगों को सुनवाया था।
उन्होंने लिखा था, "सच क्या है, सुनिए अगर विश्वास ना हो और देश की आवाम में दम हो तो पूछे उनसे जिनकी आवाज़ है, जो सेना के नहीं वो आवाम के क्या होंगे।"
अवि डांडिया के फ़ेसबुक पेज पर अब ये लाइव वीडियो उपलब्ध नहीं है, लेकिन इंटरनेट आर्काइव से पता चलता है कि वीडियो हटाए जाने से पहले 23 लाख से ज़्यादा बार ये वीडियो देखा गया है और एक लाख से ज़्यादा लोगों ने इसे फ़ेसबुक पर शेयर भी किया है।
'डेली कैपिटल' और 'सियासत डॉट पीके' जैसी छोटी पाकिस्तानी वेबसाइट्स ने भी अवि डांडिया के वीडियो को आधार बनाकर बीजेपी के ख़िलाफ़ ख़बरें लिखी हैं। सैकड़ों लोग इस वीडियो को फ़ेसबुक से डाउनलोड कर चुके हैं और इसे व्हॉट्सऐप पर शेयर कर रहे हैं। बीबीसी के कई पाठकों ने भी व्हॉट्सऐप के ज़रिए हमें ये वीडियो भेजा और इसकी हक़ीक़त जाननी चाही है।
ऑडियो की हक़ीकत
पेशे से हीरों के व्यापारी अवि डांडिया ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख़ ख़ान के बारे में टिप्पणियों पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया देकर साल 2015 में भी सुर्खियाँ बटोरी थीं। लेकिन इस बार लाइव वीडियो में जो ऑडियो उन्होंने लोगों को सुनवाया है, वो भारी एडिटिंग के दम पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और गृह मंत्री राजनाथ सिंह के बयानों को जोड़-तोड़कर बनाया गया है।
यानी वीडियो में जिस अनजान महिला की आवाज़ सुनाई देती है और लगता है कि वो दोनों नेताओं से सवाल पूछ रही हैं, उसके जवाब में सुनाई दे रही अमित शाह और राजनाथ सिंह की आवाज़ को उनके अलग-अलग साक्षात्कारों से निकाला गया है और उन्हें बेहद भ्रामक संदर्भ दे दिये गए हैं।
मसलन, वायरल ऑडियो के जिस हिस्से में राजनाथ सिंह कहते हैं, "जवानों के सवाल पर हमारी देश बहुत सेंसेटिव है, बहुत संवेदनशील है...", वो हिस्सा राजनाथ सिंह के पुलवामा हमले से एक हफ़्ते बाद (22 फ़रवरी को) इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू का है।
पुलवामा हमले के बाद इस पहले इंटरव्यू में भारत के गृह मंत्री ने कहा था कि मारे गए जवानों को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने ये बयान "कांग्रेस द्वारा पीएम मोदी के पुलवामा हमले की सूचना मिलने पर भी जिम कॉर्बेट पार्क में घूमते रहने के आरोप" के जवाब में दिया था।
वायरल ऑडियो में राजनाथ सिंह के इसी इंटरव्यू को तीन से चार बार ग़लत तरीक़े से एडिट कर इस्तेमाल किया गया है। वहीं बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के पिछले साल ज़ी न्यूज़ को दिए इंटरव्यू से भी कुछ हिस्से निकाले गए हैं और उनके बयानों को तोड़-मरोड़ कर इस्तेमाल किया गया है।
वायरल ऑडियो में जहाँ अमित शाह कहते हैं, "देश की जनता को गुमराह किया जा सकता है। और हम मानते भी है चुनाव के लिए युद्ध करने की ज़रूरत है।", ये उसी इंटरव्यू के अंश हैं।
लेकिन उनके बयान से कुछ शब्द हटा दिए गए हैं और दो या तीन अलग वाक्यों को जोड़कर एक वाक्य बनाया गया है। पूरे इंटरव्यू में कहीं भी अमित शाह एक जगह ये नहीं कहते सुने जाते कि "देश की जनता को गुमराह किया जा सकता है और चुनाव के लिए युद्ध की ज़रूरत है"।
हालांकि इस फ़र्ज़ी ऑडियो के कुछ हिस्से ऐसे भी हैं जिनके बारे में ये साफ़ तौर पर नहीं कहा जा सकता कि राजनाथ सिंह और अमित शाह की आवाज़ को कहाँ से लिया गया है। लेकिन ये स्पष्ट है कि ये किसी कॉल की रिकॉर्डिंग नहीं है जिसमें ये दोनों बीजेपी नेता, ऑडियो में सुनाई दे रहीं महिला से बात कर रहे हों।
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