नई दिल्ली। होंडा कार्स इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारतीय ऑटो उद्योग इस समय वी-आकार का सुधार देख रहा है, लेकिन इसकी स्थिरता अक्टूबर और नवंबर के बिक्री आंकड़ों पर निर्भर करेगी। वी-आकार के सुधार का अर्थ गिरावट के बाद हालात का तेजी से बेहतर होना है।
कोरोना वायरस महामारी के चलते लोग निजी वाहन को तरजीह दे रहे हैं। इसके साथ ही ग्रामीण मांग बढ़ने से ऑटो क्षेत्र में कुछ सुधार देखने को मिला है, लेकिन बड़ा सवाल है कि क्या यह रुझान लंबे समय तक चलेगा।
होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड (एचसीआईएल) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और निदेशक (विपणन और बिक्री) राजेश गोयल ने बताया, ‘ऑटो उद्योग में कई लोगों ने ‘सतर्क आशावाद’ शब्द का इस्तेमाल किया है, जिससे मैं सहमत हूं। अगर आप वक्र देखें तो भारतीय ऑटो उद्योग ने वी-आकार का सुधार देखा है।‘
उन्होंने कहा कि अक्टूबर और नवंबर के आंकड़ों पर निर्भर करेगा कि यह टिकने वाला है या नहीं। उन्होंने कहा कि अक्टूबर के अंत या नवंबर तक यह स्पष्ट होना चाहिए कि मांग बनी रहेगी या नहीं। इन प्रकार की स्थितियों में, मांग दूर हो गई है। मांग की पटरी पर लागे की प्रक्रिया धीमी और श्रमसाध्य है।
गोयल ने कहा कि सितंबर में थोक मांग तो तेजी से बढ़ी है, लेकिन खुदरा मांग में उस अनुपात में बढ़ोतरी नहीं देखी गई और ऑटो उद्योग ने त्योहारी मौसम में मांग को पूरा करने के लिए स्टॉक किया है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी पैकेज के साथ ही अच्छे मानसून और रबी की अच्छी फसल के चलते मांग में सुधार हुआ है। (भाषा)