* समस्या निवारण के लिए होलिका दहन के दिन पढ़ें ये मंत्र...
इस वर्ष सन् 2018, मार्च 1 को होलिकादहन किया जाना है। दिन गुरुवार संध्या 7.10 बजे तक भद्रा तिथि होने से इस समय के बाद ही होलिकादहन हो सकेगा। दहन के लिए सामग्री सूखी घास-फूस, कंडे-उपले तथा खरपतवार आदि का प्रयोग करें। पर्यावरण की हानि न हो, इसका ध्यान रखें। कई स्थानों पर चौराहे पर होली जलाई जाती है, नीचे सड़क में गड्ढे हो जाते हैं अत: नीचे मिट्टी-ईंट आदि की मोटी सतह बनाकर उस पर होली जलाएं। लकड़ी के प्रयोग से बचें।
पूजन सामग्री- रोली, कच्चा सूत, पुष्प, साबुत हल्दी, मूंग खड़ी, नारियल, गोबर के बने बड़कुले इत्यादि व नैवेद्य के लिए मिष्ठान्न, बताशे इत्यादि।
साधारण पूजा के लिए
'ॐ होलिकायै नम:' बोलकर गंध-अक्षत इत्यादि चढ़ा दें।
'ॐ प्रहलादाय नम:' बोलकर गंधाक्षत करें।
'ॐ नृसिंहाय नम:' बोलकर गंधाक्षत करें।
इसके बाद सूत से 7 बार होलिका पर लपेट दें। अपनी मनोकामना मन ही मन बोलें। होलिका की 3 परिक्रमा कर समस्त पूजन सामग्री पास ही रखकर जल चढ़ाकर वापस आएं।
कहा जाता है कि इस पूजन के पश्चात की जाने वाली प्रार्थना जल्द ही पूर्ण होती है। साधारणतया लकड़ी कई दिनों तक जलती है। यह आवश्यक नहीं है। यदि होलिका जल्दी ठंडी होती है तो यह अच्छा माना जाता है।