सिंह राशि का स्वामी सूर्य मेष में उच्च और तुला में नीच का होता है। लाल किताब के अनुसार शुक्र और बुद्ध एक ही जगह हैं, तो वे सूर्य हैं। सूर्य गुरु के साथ है, तो चन्द्र है। सूर्य बुध के साथ है, तो मंगल नेक है। सूर्य शनि के साथ है, तो मंगल बद राहु होगा।
ग्रहों में चन्द्र (ठंडक-सर्दी), मंगल (लाली) और बुध (खाली घेरा) सूर्य के आवश्यक अंग हैं। इन ग्रहों का सूर्य के साथ होना शुभ है। सूर्य के साथ राहु-केतु के आ जाने पर ग्रहण माना जाएगा। पहले घर को जगाने के लिए मंगल का उपाय और 5वें के लिए सूर्य का उपाय करना चाहिए। चन्द्र, गुरु और मंगल मित्र हैं। शुक्र, राहु और शनि शत्रु हैं। बुध और केतु मध्यम, लेकिन लाल किताब में शत्रु और मित्र कुंडली की स्थिति के अनुसार होते हैं। लाल किताब के अनुसार यहां प्रस्तुत हैं सूर्य को शुभ करने के खाने अनुसार उपाय।
सूर्य के अशुभ होने की निशानी :
*शरीर में अकड़न, मुंह में थूक बना रहना या लकवा मार जाना।
*यदि घर पर या घर के आसपास लाल गाय या भूरी भैंस है, तो वह खो या मर जाती है।
*यदि सूर्य और शनि एक ही भाव में हों, तो घर की स्त्री को कष्ट होता है।
*यदि सूर्य और मंगल साथ हों और चन्द्र और केतु भी साथ हों, तो पुत्र, मामा और पिता को कष्ट होता है।
*आत्मविश्वास में कमी रहेगी।
*राज या सरकार की ओर से दंड मिलता है।
खाने के अनुसार सूर्य के सामान्य उपाय
सूर्य खाना नंबर 1
*नीचा हो, तो पैतृक घर में हैंडपंप लगाएं या प्याऊ या नल लगाएं।
*दिन के समय सहवास से बचें।
*रविवार के दिन देसी खांड, मसूर की दाल, सौंफ, छुआरे, शहद का दान करें।
*24 वर्ष से पहले ही शादी कर लें।
*पति या पत्नी दोनों में से किसी एक का गुड़ खाना बंद कर दें।
सूर्य खाना नंबर 2
*नारियल, सरसों और बादाम का दान देना चाहिए।
*ऐसी स्थिति में चावल, चांदी या दूध का दान लेने से बचना चाहिए।
*हरी वस्तुएं, चावल तथा अनाज कभी भी उधारी पर न लें।
*जहां तक हो सके, जमीन संबंधी झगड़ों से बचें।
*शारीरिक कष्ट होने पर तांबे का 1 सिक्का बहते पानी में बहा देना चाहिए।
सूर्य खाना नंबर 3
*माता को प्रसन्न रखें। मां, दादी एवं बुजर्गों का आशीर्वाद लें।
*लक्ष्मीनारायण मंदिर में जाकर दूध, चावल, चीनी तथा बर्फी का दान करें।
*साफ पानी में थोड़ा गुड़ डालकर भगवान सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए।
*रविवार का उपवास रखें। भोजन में नमक का त्याग करना चाहिए।
*स्वयं के जन्मदिवस पर गंगा आदि पवित्र तीर्थस्थान की यात्रा करें।
सूर्य खाना नंबर 4
*जरूरतमंद और नेत्रहीन लोगों को दान दें और खाना बांटें।
*बहन तथा बुआ के बच्चों की सेवा करें।
*यदि पैतृक घर नहीं है, तो नेत्रहीन को दान दें।
*सोने का छल्ला बाएं हाथ में धारण करें।
*लोहे और लकड़ी के साथ जुड़ा व्यापार न करें।
*सोने, चांदी और कपड़े से संबंधित व्यापार लाभकारी रहेंगे।
सूर्य खाना नंबर 5
*किचन घर की पूर्व दिशा में ही बनाएं।
*बंदरों को गुड़, चना तथा भुनी हुई गेहूं-शकर मिलाकर खिलाएं।
*पंचम में सूर्य यदि राहु के साथ है, तब पितृदोष बनता है। इसके लिए पीपल एवं बड़ वृक्ष का पूजन करते रहें।
*वीरवार के दिन चने की दाल, केसर, हल्दी, पीले फूल, पीला वस्त्र दक्षिणा सहित अपने कुल के पुरोहित को दें।
*लगातार 43 दिनों तक सरसों के तेल की कुछ बूंदें जमीन पर गिराएं।
*झूठ न बोलें, वादे को पूरा करें और किसी की निंदा न करें।
*साले, जीजा, दोहते या भानजे की सेवा करें।
सूर्य खाना नंबर 6
*रीति-रिवाजों से कभी पीछे नहीं हटें।
*रविवार के दिन धार्मिक स्थान पर अपनी क्षमतानुसार दान करें।
*अपने घर के पवित्र स्थान पर चांदी की डिब्बी में गंगाजल भरकर रखें।
*पूर्णमासी के दिन लक्ष्मीनारायण मंदिर में चावल, दूध, शकर, चांदी, सफेद मोती और नारियल आदि चढ़ाएं।
*खीर का प्रसाद कन्याओं में बांटें।
*हमेशा अपने घर के परिसर में गंगाजल रखें।
*बंदरों को गेहूं अथवा गुड़ खिलाएं।
*रात को सिरहाने पानी रखकर सोने से पिता की आयुवृद्धि होगी।
सूर्य खाना नंबर 7
*ऊपर से नमक डालकर न खाएं।
*काले रंग की गाय की सेवा करें।
*तांबे के 7 चौरस सिक्के जमीन में गाड़ें।
*नियमित रूप से पूर्णमासी का व्रत रखें।
*कोई भी महत्वपूर्ण काम करने से पहले पानी अवश्य पिएं।
*भूमि में चांदी का चौकोर टुकड़ा दबाएं।
*काम पर जाते समय थोड़ा मीठा गुड़ खाकर पानी पी लें।
*रोटी खाने से पहले भोजन का थोड़ा-सा हिस्सा आहुति में डालें।
*स्त्री ऋण का उपाय करें।
सूर्य खाना नंबर 8
*सूर्य खाना नंबर 8 में हो, तो दक्षिणमुखी घर में न रहें।
*किसी भी नए काम पर जाने से पहले कुछ मीठा खाकर निकलें।
*शुक्ल पक्ष के रविवार से 800 ग्राम गेहूं और 800 ग्राम गुड़ मंदिर में चढ़ाएं। ये लगातार 8 रविवार करें।
*पिता और बड़े भाई की आज्ञा का पालन करें।
*लाल रंग की गाय की सेवा करें।
*घर में कभी भी सफेद कपड़े न रखें।
*बहते हुए पानी में गुड़ बहाएं।
सूर्य खाना नंबर 9
*दान या तोहफे के रूप में चांदी या सफेद वस्तु न लें।
*मंदिर या किसी धार्मिक स्थान में चावल, चांदी और दूध आदि सफेद वस्तुओं का दान दें।
*चितकबरे रंग की गाय को मीठी रोटी खिलाएं।
*घर में रखे पीतल और चांदी के बर्तनों में चावल भरकर रखें और उन्हें खाली न रहने दें।
*आप जिस बेड पर सोते हैं या जिस चारपाई पर सोते हैं, उसके पायों में तांबे की कील लगाएं।
*तांबे के बर्तन भी घर में रहना चाहिए।
सूर्य खाना नंबर 10
*नीला और काला कपड़ा न पहनें।
*मांस-मदिरा से दूर रहें।
*बहते पानी में तांबे का सिक्का डालें।
*गाय की सेवा करें।
सफेद या शरबती रंग की पगड़ी या टोपी पहनें।
*महिला हैं, तो सिर ढककर रहें। धार्मिक स्थान पर हैंडपंप या प्याऊ लगाएं।
*अपना भेद किसी को न दें।
सूर्य खाना नंबर 11
*सूर्य 11वें भाव में है, तो मांस-मदिरा से दूर रहें।
*शनिवार की रात में 5 मूलियां सिरहाने रखकर सोएं और अगले दिन सुबह धार्मिक स्थल पर दान में दे दें।
*तांबे के बर्तन में गेहूं भरकर धार्मिक स्थान में दान करें।
*अपने जन्मदिन से शुरू करके लगातार 43 दिनों तक जमीन पर सोएं।
*रात में सोते समय बिस्तर के सिरहाने बादाम या मूली रखकर सोएं और अगले दिन इसे किसी मंदिर में दान कर दें।
सूर्य खाना नंबर 12
*घर में हमेशा एक चक्की रखें।
*रविवार के दिन बंदरों को गुड़, चने और भुनी हुई कनक खिलाएं।
*अंध विद्यालय में भोजन कराएं और भोजन में मीठी वस्तु भी दें।
*भूरे रंग की गाय को मीठी रोटी खिलाएं।
*स्वयं सद्चरित्र का पालन करें।
*हमेशा अपने घर में आंगन रखें।
*अपने दुश्मनों को हमेशा क्षमा करें।