What is Death : मृत्यु का अर्थ सिर्फ 'मरना' ही नहीं है, जानिए क्या कहते हैं शास्त्र

पं. हेमन्त रिछारिया
शास्त्र के सूत्रों और वचनों को यदि भलीभांति व सही परिप्रेक्ष्य में ना समझा जाए तो वे लाभप्रद होने के स्थान पर हानिकारक भी सिद्ध हो सकते हैं। 
 
अक्सर उचित एवं सटीक व्याख्या ना होने पर अर्थ का अनर्थ कर शास्त्रों के सूत्रों व निर्देशों के प्रति भ्रांतियां निर्मित कर दी जाती हैं। आज हम वेबदुनिया के पाठकों ज्योतिष की मारकेश दशा से संबंधित एक महत्त्वपूर्ण जानकारी दे रहे हैं। 
 
अधिकांश जनमानस ज्योतिष की दो दशाओं के आने पर अत्यधिक भयाक्रांत होता है-शनि की साढ़ेसाती एवं मारकेश की दशा। 
 
मारकेश की दशा के संबंध में अक्सर यह भ्रांति प्रचलित है कि इस दशा में जातक की मृत्यु घटित होती है जबकि यह तथ्य पूर्णत: सत्य नहीं अपितु आंशिक सत्य है। क्योंकि ज्योतिष शास्त्रानुसार मृत्यु का अर्थ केवल प्राणहानि ही नहीं होता। शास्त्र का वचन है-
 
"व्यथा दु:खं भयं लज्जा रोग: शोकस्तथैव च।
बन्धनं चापमानं च मृत्युचाष्टविध: स्मृत:॥
 
उपर्युक्त सूत्रानुसार शास्त्र 8 बातों को मृत्यु के सदृश मानता है, ये हैं- व्यथा, दु:ख, भय, लज्जा, रोग, शोक, बंधन, अपमान। अर्थात् यदि किसी जातक पर मारकेश की दशा प्रभावशाली हो और उसकी आयु हो तो मारकेश की दशा में प्राणहानि ना होकर उसे इस दशा में केवल अत्यधिक कष्ट का सामना करना पड़ेगा। जिसे मृत्युतुल्य कष्ट कहा जा सकता है। 
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमंत रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केंद्र 
संपर्क: astropoint_hbd@yahoo.com

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

हनुमान जी के अवतार नीम करोली बाबा के ये 5 संकेत, अच्छे दिनों के आगमन की देते हैं सूचना

महिला ने प्रेमानंद महाराज से पूछा, तीर्थयात्रा में पीरिअड्स आने पर दर्शन करें या नहीं, जानिए महाराज का जवाब

भारत और पाकिस्तान की कुंडली में किसके ग्रह गोचर स्ट्रॉन्ग हैं, क्या मिलेगा PoK

बाजीराव बल्लाल और उनकी पत्नी मस्तानी की रोचक कहानी

वैशाख माह में ये 5 करेंगे कार्य तो कैसा भी संकट और कर्ज हो होगा समाप्त

सभी देखें

नवीनतम

14 मई से 14 जून के बीच होगा कुछ बड़ा, क्या कहती है बृहस्पति और राहु की चाल

03 मई 2025 : आपका जन्मदिन

03 मई 2025, शनिवार के शुभ मुहूर्त

नास्त्रेदमस ने कहा- भारत से निकलेगा दुनिया का मुक्तिदाता, ये होगा उसका नाम

गंगा सप्तमी के दिन क्या करते हैं जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त

अगला लेख
More