Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

ChaturSagar Yog : चतुरसागर योग क्या होता है, जातक बन सकता है विश्व प्रसिद्ध

हमें फॉलो करें ChaturSagar Yog

WD Feature Desk

, सोमवार, 6 मई 2024 (15:53 IST)
ChaturSagar Yog
Effect of ChaturSagar Yog: कुंडली में ग्रहों, ग्रहों की युति, भाव और राशियों के संयोग से करीब 300 से ज्यादा शुभ और अशुभ योग बनते हैं। जैसे गजकेसरी योग, लक्ष्मी नारायण योग, शश योग, मालव्य योग, हंस योग, रूचक योग, बुधादित्य योग आदि। इसी प्रकार एक योग का नाम है वसुमति योग। यह योग कैसे बनता है और क्या है इसका प्रभाव? आओ जानते हैं।
चतुरसागर योग क्या होता है?
चार महासागर है, जो विशालता और गहराई का प्रतीक है। यह योग तब बनता है जब राहु और केतु को छोड़कर सभी ग्रह किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली के पहले चार घरों में स्थित होते हैं। यह भी कहते हैं कि जिसके जन्म काल में चारों केंद्र भाव (लग्न, चतुर्थ, सप्तम और दशम भाव) में शुभ या पाप ग्रह स्थित हो तो चतुसागर नामक योग होता है। 
 
चतुरसागर योग का प्रभाव : 
चतुरसागर योग को राजयोग कहते हैं जो राज के साथ धन का देने वाला होता है। माना जाता है कि यह योग इसमें शामिल ग्रहों, विशेषकर व्यक्तिगत ग्रहों (सूर्य, चंद्रमा, बुध, शुक्र और मंगल) के प्रभाव को बढ़ाता है। पहले चार घर जीवन के विभिन्न पहलुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं: स्वयं, धन, भाई-बहन और भावनाएँ। नतीजतन, माना जाता है कि चतुःसागर योग व्यक्ति के जीवन के इन क्षेत्रों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है।
ऐसा जातक अपने कार्य के माध्यम से मान सम्मान अर्जित करता है। वह बहुत मेहनती होता है एवं एक समृद्ध जीवन यापन करने के साथ ही लंबी आयु जीता है। सेहत अच्छी रहती है और दूर दूर तक प्रतिष्ठा रहती है। उसकी संतान भी सुख पाती है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Akshaya-tritiya 2024: अक्षय तृतीया के दिन क्या करते हैं?