Vasumati Yog: कुंडली में है यदि वसुमति योग तो धनवान बनने से कोई नहीं रोक सकता
Vasuman yoga : वसुमति योग में जन्मा जातक बनता है करोड़पति
Effect of vasumathi yoga: कुंडली में ग्रहों, ग्रहों की युति, भाव और राशियों के संयोग से करीब 300 से ज्यादा शुभ और अशुभ योग बनते हैं। जैसे गजकेसरी योग, लक्ष्मी नारायण योग, शश योग, मालव्य योग, हंस योग, रूचक योग, बुधादित्य योग आदि। इसी प्रकार एक योग का नाम है वसुमति योग। यह योग कैसे बनता है और क्या है इसका प्रभाव? आओ जानते हैं।
कैसे बनता है वसुमति योग?
इस योग को वसुमति या वसुमन योग कहते हैं। यह योग तब बनता है जब शुभ ग्रह लग्न या चंद्रमा से उपचय घरों (3,6,10,11) पर विराजमान होते हैं। उपचय भाव में कोई भी ग्रह अच्छे परिणाम देता है, शुभ ग्रहों के साथ तो और भी अधिक। वसुमति योग का कारण बनने वाले शुभ ग्रह बृहस्पति, बुध, चंद्रमा और शुक्र हैं।
वसुमति योग का प्रभाव क्या है?
तिष्ठेयु: स्वगृहे सदा वसुमति द्रव्याण्यनल्पान्यपि ।
क्षमेश: स्यादमले धनि सुतयश: सपद्युतो नीतिमान् ।
वसुमति या वसुमन योग धन पैदा करने वाले योगों में से एक है, क्योंकि वसुमत का अर्थ है धनवान। यह भौतिक सुखों और धन को बढ़ा देता है। इस योग की शक्ति आपको स्वतंत्र और धनवान बना सकती है। परिश्रम का पूर्ण फल मिलता है। इस योग में जन्मा जातक योग और कार्य में निपुण होता है। यह योग फालतू के खर्चों से मुक्ति दिलाता है और समृद्धि को बढ़ाता है। ऐसा जातक धनवान होकर दूसरों की मदद भी करता है।
साहस, जिम्मेदारी और समझदारी के साथ जातक आगे बढ़ता है और मान सम्मान प्राप्त करता है। यदि कुंडली में दरिद्र योग हो तो वसुमती योग की उपस्थिति से इसके दुष्प्रभाव नष्ट हो सकते हैं। यह कई छोटी यात्राओं का संयोग बनाता है जिससे धनलाभ होता है। आपके शत्रु आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे। यदि आपके कर्म अच्छे है तो आपको करोड़पति बनने से कोई नहीं रोक सकता। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती जाती है आप सफल होते जाते हैं।