Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

Shubh Muhurat Weekly : साप्ताहिक सर्वश्रेष्ठ शुभ मुहूर्त, जानिए (5 से 11 सितंबर 2022)

हमें फॉलो करें Shubh Muhurat Weekly : साप्ताहिक सर्वश्रेष्ठ शुभ मुहूर्त, जानिए (5 से 11 सितंबर 2022)
webdunia

पं. हेमन्त रिछारिया

जानिए यहां नए सप्ताह के शुभ मुहूर्त, 5 सितंबर से 11 सितंबर 2022 तक। वेबदुनिया यहां अपने प्रिय पाठकों के लिए लेकर आया हैं पंचांग और चौघड़िए के आधार पर नए साप्ताहिक शुभ मुहूर्त की सौगात। जानिए नवीन सप्ताह में आने वाले सभी शुभ पर्व, व्रत, मंगलमयी मुहूर्त और व्रत-त्योहार के बारे में खास जानकारी। पढ़ें साप्ताहिक मुहूर्त... Astrology Weekly Muhurat 
 
(साप्ताहिक मुहूर्त : 5 सितंबर से 11 सितंबर 2022 तक)
 
5 सितंबर 2022, सोमवार के शुभ मुहूर्त
 
शुभ विक्रम संवत्-2079, शक संवत्-1944, हिजरी सन्-1443, ईस्वी सन्-2022
संवत्सर नाम-राक्षस
अयन-उत्तरायण
मास-भाद्रपद
पक्ष-शुक्ल
ऋतु-शरद
वार-सोमवार
तिथि (सूर्योदयकालीन)-नवमी/दशमी (क्षय)
नक्षत्र (सूर्योदयकालीन)-मूल
योग (सूर्योदयकालीन)-प्रीति
करण (सूर्योदयकालीन)-कौलव
लग्न (सूर्योदयकालीन)-सिंह
शुभ समय- 6:00 से 7:30 तक, 9:00 से 10:30 तक, 3:31 से 6:41 तक
राहुकाल-प्रात: 7:30 से 9:00 बजे तक  
दिशा शूल-आग्नेय 
योगिनी वास-पूर्व
गुरु तारा-उदित
शुक्र तारा-उदित
चंद्र स्थिति-धनु
व्रत/मुहूर्त-मूल समाप्त/श्री चंद्र नवमी/श्रीमद्भागवत जयंती 
यात्रा शकुन- मीठा दूध पीकर यात्रा करें।
आज का मंत्र-ॐ सौं सोमाय नम:।
आज का उपाय-किसी विप्र को भागवत भेंट करें।
वनस्पति तंत्र उपाय- पलाश के वृक्ष में जल चढ़ाएं।

6 सितंबर 2022, मंगलवार के शुभ मुहूर्त
 
शुभ विक्रम संवत्-2079, शक संवत्-1944, हिजरी सन्-1443, ईस्वी सन्-2022
संवत्सर नाम-राक्षस
अयन-उत्तरायण
मास-भाद्रपद
पक्ष-शुक्ल
ऋतु-शरद
वार-मंगलवार
तिथि (सूर्योदयकालीन)-एकादशी
नक्षत्र (सूर्योदयकालीन)-पूर्वाषाढ़ा
योग (सूर्योदयकालीन)-आनन्द
करण (सूर्योदयकालीन)-वणिज
लग्न (सूर्योदयकालीन)-सिंह
शुभ समय-10:46 से 1:55, 3:30 5:05 तक
राहुकाल- दोप. 3:00 से 4:30 बजे तक
दिशा शूल-उत्तर 
योगिनी वास-आग्नेय 
गुरु तारा-उदित
शुक्र तारा-उदित
चंद्र स्थिति-मकर
व्रत/मुहूर्त-श्री पद्मा जलझूलनी एकादशी व्रत (स्मार्त)/भद्रा
यात्रा शकुन- दलिया का सेवन कर यात्रा पर निकलें।
आज का मंत्र-ॐ अं अंगारकाय नम:।
आज का उपाय-हनुमान मंदिर में बूंदी के लड्डू चढाएं।
वनस्पति तंत्र उपाय- खैर के वृक्ष में जल चढ़ाएं।

7 सितंबर 2022, बुधवार के शुभ मुहूर्त
 
शुभ विक्रम संवत्-2079, शक संवत्-1944, हिजरी सन्-1443, ईस्वी सन्-2022
संवत्सर नाम-राक्षस
अयन-उत्तरायण
मास-भाद्रपद
पक्ष-शुक्ल
ऋतु-शरद
वार-बुधवार
तिथि (सूर्योदयकालीन)-द्वादशी
नक्षत्र (सूर्योदयकालीन)-उत्तराषाढ़ा
योग (सूर्योदयकालीन)-शोभन
करण (सूर्योदयकालीन)-बव
लग्न (सूर्योदयकालीन)-सिंह
शुभ समय- 6:00 से 9:11, 5:00 से 6:30 तक
राहुकाल- दोप. 12:00 से 1:30 बजे तक
दिशा शूल-ईशान
योगिनी वास-नैऋत्य
गुरु तारा-उदित
शुक्र तारा-उदित
चंद्र स्थिति-मकर
व्रत/मुहूर्त-श्री पद्मा जलझूलनी एकादशी व्रत (वैष्णव)/श्री वामन जयंती
यात्रा शकुन-हरे फ़ल खाकर अथवा दूध पीकर यात्रा पर निकलें।
आज का मंत्र-ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:।
आज का उपाय-किसी बटुक को हरे फल भेंट करें।
वनस्पति तंत्र उपाय- अपामार्ग के वृक्ष में जल चढ़ाएं।

8 सितंबर 2022, गुरुवार के शुभ मुहूर्त
 
शुभ विक्रम संवत्-2079, शक संवत्-1944, हिजरी सन्-1443, ईस्वी सन्-2022
संवत्सर नाम-राक्षस
अयन-उत्तरायण
मास-भाद्रपद
पक्ष-शुक्ल
ऋतु-शरद
वार-गुरुवार
तिथि (सूर्योदयकालीन)-त्रयोदशी
नक्षत्र (सूर्योदयकालीन)-श्रवण
योग (सूर्योदयकालीन)-अतिगण्ड
करण (सूर्योदयकालीन)-कौलव
लग्न (सूर्योदयकालीन)-सिंह
शुभ समय- 6:00 से 7:30, 12:20 से 3:30, 5:00 से 6:30 तक
राहुकाल-दोप. 1:30 से 3:00 बजे तक
दिशा शूल-दक्षिण  
योगिनी वास-दक्षिण
गुरु तारा-उदित
शुक्र तारा-उदित
चंद्र स्थिति-कुम्भ
व्रत/मुहूर्त-प्रदोष व्रत/पंचक प्रारंभ
यात्रा शकुन-बेसन से बनी मिठाई खाकर यात्रा पर निकलें।
आज का मंत्र-ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवै नम:।
आज का उपाय-शिवजी का हरिद्रामिश्रित जल से अभिषेक करें।
वनस्पति तंत्र उपाय-पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाएं।

9 सितंबर 2022, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त
 
शुभ विक्रम संवत्-2079, शक संवत्-1944, हिजरी सन्-1443, ईस्वी सन्-2022
संवत्सर नाम-राक्षस
अयन-उत्तरायण 
मास-भाद्रपद
पक्ष-शुक्ल
ऋतु-शरद
वार-शुक्रवार
तिथि (सूर्योदयकालीन)-चतुर्दशी
नक्षत्र (सूर्योदयकालीन)-धनिष्ठा
योग (सूर्योदयकालीन)-सुकर्मा
करण (सूर्योदयकालीन)-गरज
लग्न (सूर्योदयकालीन)-सिंह
शुभ समय- 7:30 से 10:45, 12:20 से 2:00 तक
राहुकाल-प्रात: 10:30 से 12:00 बजे तक
दिशा शूल-वायव्य 
योगिनी वास-पश्चिम
गुरु तारा-उदित
शुक्र तारा-उदित
चंद्र स्थिति-कुम्भ
व्रत/मुहूर्त-श्री अनंत चतुर्दशी व्रत/ पूर्णिमा व्रत/भद्रा
यात्रा शकुन- शुक्रवार को मीठा दही खाकर यात्रा पर निकलें।
आज का मंत्र-ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:।
आज का उपाय-अनंत का पूजन कर अनंत धारण करें।
वनस्पति तंत्र उपाय-गूलर के वृक्ष में जल चढ़ाएं।

10 सितंबर 2022, शनिवार के शुभ मुहूर्त
 
शुभ विक्रम संवत्-2079, शक संवत्-1944, हिजरी सन्-1443, ईस्वी सन्-2022
संवत्सर नाम-राक्षस
अयन-उत्तरायण
मास-भाद्रपद
पक्ष-शुक्ल
ऋतु-शरद
वार-शनिवार
तिथि (सूर्योदयकालीन)-पूर्णिमा
नक्षत्र (सूर्योदयकालीन)-शतभिषा
योग (सूर्योदयकालीन)-धृति
करण (सूर्योदयकालीन)-बव
लग्न (सूर्योदयकालीन)-सिंह
शुभ समय-प्रात: 7:35 से 9:11, 1:57 से 5:08 बजे तक
राहुकाल-प्रात: 9:00 से 10:30 तक
दिशा शूल-पूर्व
योगिनी वास-वायव्य
गुरु तारा-उदित
शुक्र तारा-उदित
चंद्र स्थिति-मीन
व्रत/मुहूर्त-पितृ तर्पण प्रारंभ/स्नान-दान पूर्णिमा/प्रतिपदा श्राद्ध 
यात्रा शकुन-शर्करा मिश्रित दही खाकर घर से निकलें।
आज का मंत्र-ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनयै नम:।
आज का उपाय-शनि मंदिर में काले तिल चढाएं।
वनस्पति तंत्र उपाय-शमी के वृक्ष में जल चढ़ाएं।

11 सितंबर 2022, रविवार के शुभ मुहूर्त
 
शुभ विक्रम संवत्-2079, शक संवत्-1944, हिजरी सन्-1443, ईस्वी सन्-2022
संवत्सर नाम-राक्षस
अयन-उत्तरायण
मास-आश्विन
पक्ष-कृष्ण
ऋतु-शरद
वार-रविवार
तिथि (सूर्योदयकालीन)-प्रतिपदा
नक्षत्र (सूर्योदयकालीन)-पूर्वाभाद्रपद
योग (सूर्योदयकालीन)-शूल
करण (सूर्योदयकालीन)-कौलव
लग्न (सूर्योदयकालीन)-सिंह
शुभ समय-9:11 से 12:21, 1:56 से 3:32 
राहुकाल- सायं 4:30 से 6:00 बजे तक
दिशा शूल-पश्चिम 
योगिनी वास-पूर्व
गुरु तारा-उदित
शुक्र तारा-उदित
चंद्र स्थिति-मीन
व्रत/मुहूर्त-सर्वार्थसिद्धि योग/द्वितीया श्राद्ध
यात्रा शकुन- इलायची खाकर यात्रा प्रारंभ करें।
आज का मंत्र-ॐ घृणि: सूर्याय नम:।
आज का उपाय-सूर्यास्त से पूर्व बिना नमक वाला भोजन करें।
वनस्पति तंत्र उपाय-बेल के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
 
(निवेदन-उपर्युक्त विवरण पंचांग आधारित है पंचांग भेद होने पर तिथि/मुहूर्त/समय में परिवर्तन होना संभव है।)
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
webdunia
Weekly Muhurat 2022 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

श्री गणेश और तुलसी का यह कनेक्शन आप नहीं जानते हैं, इसलिए नहीं चढ़ती है तुलसी श्री गणेश को