हिन्दू परंपरा में ग्रहण का महत्वपूर्ण स्थान है। जैसा कि आप सभी को विदित है कि ग्रहण 2 प्रकार के होते हैं- सूर्यग्रहण एवं चंद्रग्रहण। सूर्यग्रहण एवं चंद्रग्रहण भी मुख्यत: 2 प्रकार के होते हैं- खग्रास और खंडग्रास।
जब ग्रहण पूर्णरूपेण दृश्यमान होता है तो उसे 'खग्रास' एवं जब ग्रहण कुछ मात्रा में दृश्यमान होता है, तब उसे 'खंडग्रास' कहा जाता है। ग्रहण का समस्त द्वादश राशियों पर व्यापक प्रभाव माना जाता है।
आइए जानते हैं कि वर्ष 2019 में कितने ग्रहण होने जा रहे हैं?
वर्ष 2019 में विश्व में 3 ग्रहण होंगे जिनमें मात्र 2 ग्रहण ही भारतवर्ष में दृश्यमान होंगे।
1. खग्रास सूर्यग्रहण- वर्ष 2019 का प्रथम ग्रहण सूर्यग्रहण 2 जुलाई 2019 को था, यह खग्रास सूर्यग्रहण था, जो भारत में कहीं भी दृश्यमान नहीं हुआ। भारत में दृश्यमान नहीं होने के कारण इस सूर्यग्रहण के यम-नियम भारत में रहने वाले निवासियों पर प्रभावी नहीं रहें।
2. खंडग्रास चंद्रग्रहण- वर्ष 2019 का दूसरा ग्रहण चंद्रग्रहण होगा, जो 16 जुलाई 2019 को लगेगा। यह खंडग्रास चंद्रग्रहण होगा। यह ग्रहण उत्तराषाढ़ा नक्षत्र एवं धनु-मकर राशि पर मान्य होगा। ग्रहण का स्पर्श काल रात्रि 1 बजकर 32 मिनट, मध्यकाल रात्रि 3 बजकर 1 मिनट एवं मोक्ष रात्रि 4 बजकर 30 मिनट पर होगा। ग्रहण का पर्वकाल 2 घंटा 58 मिनट का रहेगा।
3. खंडग्रास सूर्यग्रहण- वर्ष 2019 का तीसरा एवं अंतिम ग्रहण सूर्यग्रहण होगा, जो 26 दिसंबर 2019 को लगेगा। यह खंडग्रास सूर्यग्रहण होगा, जो मूल नक्षत्र एवं धनु राशि पर मान्य होगा। यह खंडग्रास सूर्यग्रहण केवल दक्षिण भारत के कुछ क्षेत्रों में ही दृश्यमान होगा। जहां यह ग्रहण दृश्यमान होगा, उन क्षेत्रों में ग्रहण के यम-नियम मान्य व प्रभावी होंगे।
ग्रहण का स्पर्शकाल प्रात: 8 बजकर 10 मिनट, मध्यकाल प्रात: 9 बजकर 31 मिनट एवं मोक्ष 10 बजकर 51 मिनट पर होगा। ग्रहण का पर्वकाल 2 घंटा 41 मिनट का रहेगा।
-ज्योतिर्विद पं. हेमंत रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केंद्र
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