वर्ष 2019 में 2 जुलाई को सूर्यग्रहण और 16 जुलाई की रात को चंद्रग्रहण आ रहा है। वैसे सूर्यग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा, जबकि चंद्रग्रहण भारत के कई हिस्सों में दिखेगा।
जानकारों के अनुसार यह ग्रहण गर्भवती महिलाओं को बाहर निकलने के लिए शुभ नहीं है।
जुलाई माह में दो ग्रहण के संयोग बन रहे हैं। इसमें पहला 2 जुलाई 2019 को सूर्यग्रहण और 16 जुलाई 2019 की रात को चंद्रग्रहण होगा।
2 जुलाई को हलहारिणी अमावस्या के दिन सूर्यग्रहण है। यह सूर्यग्रहण साल का दूसरा सूर्यग्रहण होगा। लेकिन यह सूर्यग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा। क्योंकि जिस समय सूर्यग्रहण होगा उस समय भारत में रात होगी।
सूर्यग्रहण के दौरान मिथुन राशि में राहु, आद्रा नक्षत्र में होने से गर्भवती महिलाओं की दशा बदल सकती है। उनके स्वास्थ्य और बच्चे पर विपरीत असर हो सकता है। भले ही भारत में ग्रहण का सूतक न लग रहा हो, इसके बावजूद गर्भवती महिलाओं पर उनकी कुंडली और ग्रहों के अनुसार फर्क पड़ सकता है।
जब सूर्य व पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है तब पृथ्वी पर सूर्य से आने वाला प्रकाश रूक जाता है। इस स्थिति को सूर्यग्रहण कहते हैं। इस बार यह सूर्यग्रहण 4 घंटे 33 सेकंड तक रहेगा, जबकि 16 जुलाई का दोपहर 3 बजे से चंद्रग्रहण प्रारंभ होगा जो 17 जुलाई की सुबह 4 बजकर 29 मिनट तक रहेगा।
जब सूर्य और राहु की युति होती है तो ग्रहण का योग बनता है। इन दिनों राहु मिथुन राशि में चल रहा है। राहु पुनर्वसु नक्षत्र और मिथुन राशि में है।15 जून को शाम 5.40 बजे सूर्य मिथुन राशि और मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश कर गए हैं और वहां 16 जुलाई तक रहेंगे।
16 जुलाई को खंडग्रास चंद्रग्रहण होगा जो संपूर्ण भारत में दिखाई देगा। ग्रहण काल में पूजन से ग्रहों की पीड़ा से मुक्ति मिलती है। ग्रहण योग का प्रभाव भारतीय राजनीति पर पड़ेगा। मेष, वृष, कन्या, वृश्चिक, धनु व मकर राशि वाले राजनीतिज्ञ विशेष रूप से प्रभावित होंगे। तुला, कुंभ, मीन राशि वालों को ग्रहण का फायदा होगा। यह ग्रहण जहां उत्तर भारत में तीव्र गर्मी में वृद्धि करेगा वहीं धूल भरी आंधी और वर्षा भी होगी।