भारतीय ज्योतिष के अनुसार कुंडली में पंच महापुरुष योग में से एक होता है शश योग। जिस भी जातक की कुंडली में यह शश योग होता है सफलता उसके कदम चूमती है। यह शश योग शनि ग्रह के कारण बनता है। यदि आपकी कुंडली में है शश योग तो आपकी गवर्नमेंट जॉब लगेगी, परंतु इसके साथ कुछ शर्तें भी जुड़ी हुई है। आओ जानते हैं कि क्या होता है शश योग और क्या हैं शर्तें।
क्या होता है शनि का शश योग : पंचमहायोग में से एक है शश योग। शनि ग्रह के कारण बनने वाला शश योग है। यदि आपकी कुंडली में शनि लग्न से अथवा चन्द्रमा से केन्द्र के घरों में स्थित है अर्थात शनि यदि कुंडली में लग्न अथवा चन्द्रमा से 1, 4, 7 अथवा 10वें घर में तुला, मकर अथवा कुंभ राशि में स्थित है तो यह शश योग बनता है। अर्थात शश योग तब बनता है जब कुंडली के लग्न या चंद्रमा से पहले, चौथे, सातवें और दसवें घर में शनि अपने स्वयं की राशि (मकर, कुंभ) में या उच्च राशि तुला में मौजूद होता है।
शनि ग्रह मकर और कुम्भ का स्वामी होता है। तुला में उच्च का और मेष में नीच का माना गया है। ग्यारहवां भाव उसका पक्का घर है। अर्थात मकर, कुंभ और तुला का शनि अच्छा है और सातवें एवं ग्यरहवें भाव का शनि भी अच्छा है। बाकी की कोई गाररंटी नहीं।
क्या होगा फायदा :
1. ऐसे जातक में किसी भी रोग से उबरने की मजबूत क्षमता होती है।
2. यह योग जातक की आयु लंबी करता है अथार्त जातक दीर्घायु होता है।
3. व्यापार व्यवसाय करने में जातक बहुत ही प्रेक्टिकल होता है।
4. ऐसा जातक जरूरतपूर्ति या आवश्यकता अनुसार ही वार्तालाप करता है।
5. ऐसे जातक ज्ञानी होता है और रहस्यों को जानने वाला भी होता है।
6. सरकारी या राजनीति के क्षेत्र में है तो ऐसा जातक कूटनीति का धनी होता है और शीर्षपद पर आसीन हो जाता है।
7. शश योग है तो जातक पर शनि के कुप्रभाव, साढे़साती और ढैय्या के बुरे प्रभाव नहीं पड़ते हैं।
8. शश योग है तो जातक निश्चित ही सकारी अधिकारी बनने की क्षमता हासिल कर लेता है।
करियर में :
1. शनि से संबंधित वर्क असाइनमेंट प्राप्त करेंगे।
2. वित्त, कानून या सरकारी क्षेत्र में प्रगति कर सकते हैं।
3. संपत्ति के लेन-देन से भी करियर बना सकते हैं।
4. शिक्षक, सलाहकार या साहित्यकार बन सकते हैं।
5. आध्यात्मिक क्षेत्र में भी उन्नती कर सकते हैं।
जान लें 10 शर्तें :
1. ऐसा जातक को न्यायप्रिय बने रहना चाहिए।
2. अपने परिश्रम से ही आगे बढ़ना चाहिए।
3. निरंतर तथा दीर्घ समय तक प्रयास करते रहने चाहिए।
4. सहनशीलता रखना जरूरी है। क्रोध ना करें।
5. सच बोलना और अपने कर्म को शुद्ध रखना चाहिए।
6. दूसरों पर व्यर्थ पैसा बर्बाद ना करें।
7. शराब पीने से परहेज करें।
8. किसी गरीब, अंधे, दिव्यांग, विधवा और सफाईकर्मी का कभी अपमान न करें।
9. कौवे, कुत्ते और काली गाय की सेवा करते रहें।
10. देवी देवताओं का अपमान न करें। नास्तिक न बनें। अपने कुलधर्म भी परंपरा को निभाएं।