वर्ष 2022 में 4 बड़े ग्रह राशि परिवर्तन करेंगे। इनके राशि परिवर्तन करने से सभी राशियों पर इसका असर होगा। किसी राशि के लिए यह शुभ होगा तो किी के लिए अशुभ। आओ जानते हैं कि कौनसे 4 बड़े ग्रह कर रहे हैं राशि परिवर्तन और क्या होगा 12 राशियों पर इसका असर।
सूर्य, बुध, मंगल और शुक्र किसी राशि में एक माह से ज्यादा नहीं रहते हैं। चंद्रमा सवा दो दिन में दूसरी राशि में गोचर कर जाता है। बड़े ग्रह की बात करें तो बृहस्पति, शनि, राहु और केतु ग्रह एक राशि में अधिककाल तक रहते हैं। इसीलिए इनका असर ज्यादा होता है।
बृहस्पति : बृहस्पति इस वर्ष 12 अप्रैल 2022 को शाम 4 बजकर 58 मिनट पर शनि शासित राशि मकर से अपनी स्वराशि मीन में गोचर करेगा। हालांकि साल के शुरुआती महीने में बृहस्पति कुंभ राशि में मौजूद रहेंगे। यह ग्रह करीब 1 वर्ष तक एक ही राशि में गोचर करता है।
शनि : बृहस्पति के बाद 29 अप्रैल को शनि मकर राशि से निकलकर कुंभ में गोचर करेगा। परंतु 12 जुलाई 2022 को शनि वक्री होकर फिर से मकर राशि में प्रवेश करेगा। शनि ग्रह हर ढाई साल के अंतराल पर एक राशि से दूसरी राशि में जाता है।
राहु : करीब 18 साल 7 महीने बाद राहु मेष राशि में प्रवेश करेगा। अगले वर्ष राहु 12 अप्रैल 2022 को सुबह 10:36 बजे वृषभ राशि से मेष राशि में गोचर करेगा। राहु हमेशा वक्री चाल ही चलता है। वक्री अर्थात उल्टी चाल में ही वह भ्रमण करता है। शनि ग्रह की तरह ही राहु बहुत धीमी गति से भ्रमण करता है। यह एक राशि में करीब 1.5 रहता है।
केतु : राहु और केतु एक साथ किसी भी राशि में परिवर्तन करते हैं। इस वर्ष केतु वृश्चिक राशि से 12 अप्रैल, 2022 को सुबह 10 बजकर 36 मिनट पर तुला राशि में गोचर करेगा।
राहु और केतु का असर : मेष, वृषभ, मकर और धनु के लिए राहु केतु का गोचर शुभ नहीं है जबकि मिथुन, कर्क, तुला और वृश्चिक के लिए यह शुभ होगा। बाकि के लिए सामान्य रहेगा।
शनि का असर : अगले वर्ष 2022 में मीन पर साढ़ेसाती प्रारंभ होगी जबकि कर्क और वृश्चिक पर शनि की ढैया प्रारंभ होगी। अगले वर्ष धनु से साढ़ेसाथी हटेगी और तुला एवं मिथुन वालों को शनि की ढैया से मुक्ति मिलेगी। वर्तमान में शनि ग्रह के मकर राशि में रहने के कारण वर्ष 2021 में धनु, मकर और कुंभ इन तीन राशियों पर साल 2021 में शनि की साढ़ेसाती (Shani Sade Sati) चल रही है जबकि मिथुन और तुला पर ढैय्या (Dhaiya) चल रही है।
अगले वर्ष अर्थात 29 अप्रैल 2022 को शनि मकर से निकलकर जब कुंभ राशि में भ्रमण करेंगे तब मीन, कुंभ और मकर राशि पर शनि की साढ़ेसाती तथा कर्क और वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या लगेगी। यानि वर्ष 2022 में मीन, कुंभ और मकर को साढ़े साती रहेगी जबकि कर्क और वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या लगेगी। 29 मार्च 2025 को शनि मीन राशि में गोचर करेंगे। जिससे सिंह और धनु राशि वालों पर शनि ढैय्या शुरू होगी। इस दौरान कुंभ, मेष और मीन राशि वालों पर शनि ढैय्या रहेगी। मकर राशि वाले शनि ढैय्या से मुक्ति पा जाएंगे।
वर्तमान में शनि ग्रह के मकर राशि में रहने के कारण वर्ष 2021 में धनु, मकर और कुंभ इन तीन राशियों पर साल 2021 में शनि की साढ़ेसाती (Shani Sade Sati) चल रही है जबकि मिथुन और तुला पर ढैय्या (Dhaiya) चल रही है। 29 अप्रैल 2022 को इन्हें ढैय्या से मुक्ति मिलेगी। 17 जनवरी 2023 से शनि के मार्गी होने पर तुला और मिथुन राशि से पूरी तरह ढैय्या का प्रभाव खत्म हो जाएगा। तुला राशि पर शनि की ढैय्या 24 जनवरी 2020 से चल रही है।
शनि ग्रह अगले वर्ष 29 अप्रैल 2022 को मकर राशि को छोड़कर कुंभ राशि में आ जाएंगे, तब धनु राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती से राहत मिलेगी, परंतु 12 जुलाई 2022 को शनि वक्री होकर फिर से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इसके बाद तब 17 जनवरी 2023 को धनु राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती से पूरी तरह मुक्ति मिल जाएगी और मिथुन राशि वालों को ढैया से मुक्ति मिलेगी। मकर राशि वालों पर शनि की साढ़े साती 26 जनवरी 2017 से शुरू हुई थी। यह 29 मार्च 2025 को समाप्त होगी। कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती 24 जनवरी 2020 से शुरू हुई थी। इससे मुक्ति 3 जून 2027 को मिलेगी, परंतु शनि की महादशा से कुंभ राशि वालों को 23 फरवरी 2028 को शनि के मार्गी होने पर छुटकारा मिलेगा, यानि कुंभ राशि वालों को 23 फरवरी 2028 को शनि की साढ़ेसाती से निजात मिलेगी।
अगले वर्ष अर्थात 29 अप्रैल 2022 को शनि मकर से निकलकर जब कुंभ राशि में भ्रमण करेंगे तब मीन, कुंभ और मकर राशि पर शनि की साढ़ेसाती तथा कर्क और वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या लगेगी। यानि वर्ष 2022 में मीन, कुंभ और मकर को साढ़े साती रहेगी जबकि कर्क और वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या लगेगी। 29 मार्च 2025 को शनि मीन राशि में गोचर करेंगे।
बृहस्पति ग्रह का असर Jupiter transit 2021 :
1. मेष : मेष राशि के लिए बृहस्पति का कुंभ में गोचर ग्यारहवें घर में हो रहा है। आपके लिए अच्छा समय रहेगा। परिवार में सुख और समृद्धि आएगी। आप व्यापारी हैं तो लाभ के योग बन रहे हैं और नौकरीपेशा हैं तो पदोन्नति होने की संभावना है। विवाह नहीं हुआ है तो योग बन रहे हैं। घर खरीदने और कोई अच्छा कार्य करने के योग भी बन रहे हैं। कुल मिलाकर आपका भविष्य उज्जवल है।
2. वृषभ : आपकी राशि के दशम भाव में बृहस्पति का गोचर हो रहा है। करियर के लिए यह अच्छा समय है परंतु व्यवसाय और नौकरी में परेशानी खड़ी हो सकती है। वाद-विवाद होने की संभावन है। दांपत्य जीवन में सतर्क रहने की जरूरत है। सेहत बिगड़ सकती है। लेन-देन से बचें अन्यथा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
3. मिथुन : बृहस्पति आपकी राशि के नवम भाव में गोचर कर रहा है। आपको भाग्य और परिवार का भरपूर साथ मिलेगा और रुके हुए काम पूर्ण होंगे। आपको अपने लक्ष्य पर ध्यान देना होगा तो निश्चित ही सफलता मिलेगी। कुल मिलाकर आपके लिए यह गोचर सकारात्मक प्रभाव वाला है।
4. कर्क : बृहस्पति आपकी राशि के अष्टम भाव में गोचर कर रहा है। यह भाव जीवन में अचानक आने वाली चीजों की ओर इंगित करता है। हो सकता है कि अचानक लाभ हो या हानि। आपके साथ धोखा हो सकता है। सेहत के लिए भी यह समय ठीक नहीं है। आपको सतर्क रहने की जरूरत है और दिमाग से काम लेकर यह समय गुजारना होगा। आपको बुराई और गलतियां करने से बचना होगा अन्यथा भारी नुकसान उठना पड़ सकता है।
5. सिंह : बृहस्पति आपकी राशि के सप्तम भाव में गोचर कर रहा है। यह भाव जीवनसाथी और साझेदारी का घर है। इसका मतलब यह है कि दांपत्य जीवन में खुशियां आएगी और यदि कोई साझेदारी का व्यापार कर रहे हैं तो उसमें लाभ मिलेगा। आर्थिक रूप से यह समय आपके लिए ठीक रहेगा। नौकरीपेश लोगों को अभी जहां हैं वहीं जमे रहना चाहिए। अभी कहीं पर भी निवेश न करें। सेहत में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं।
6. कन्या : बृहस्पति आपकी राशि के छठे भाव में गोचर कर रहा है। यह भाव रोग और शत्रुता का भाव है। यह समय आपके लिए जटिल साबित होने वाला है। परंतु आप यदि चतुराई से काम लेंगे तो समस्याओं से पार पा लेंगे। नौकरीपेशा और व्यापारियों को संयम से काम लेने की जरूरत है। खासकर सेहत का ध्यान रखना भी जरूरी है। आर्थिक रूप से यह आपके लिए चुनौतीपूर्ण समय हो सकता है क्योंकि आपके खर्चे बढ़ सकते हैं।
7. तुला : बृहस्पति आपकी राशि के पंचम भाव में गोचर करेगा जो प्रेम, रोमांस और संतान का भाव है। आपके लिए यह गोचर सकारात्मक है। दांपत्य जीवन में मधुरता बढ़ेगी और अविवाहित हैं तो रोमांस या विवाह के योग बन रहे हैं। प्रतियोगी परीक्षा में भाग लेंगे तो सफल हो सकते हैं। यह समय आपकी संतान के लिए भी उपयुक्त है। बस आपको खान-पान और खर्चों पर नियंत्रण रखना होगा।
8. वृश्चिक : बृहस्पति आपकी राशि के चतुर्थ भाव में गोचर करेगा। यह सुख और माता का भाव है। आपको खर्चों पर नियंत्रण रखना होगा। किसी से वाद-विवाद होने की संभावना है। सेहत खराब हो सकती है। बच्चों पर विशेष ध्यान रखें, यानि उनकी सेहत और उनकी सुरक्षा का ध्यान रखें।
9. धनु : बृहस्पति आपकी राशि के तीसरे घर में गोचर करेगा। यह गोचर आपके लिए बहुत भाग्यशाली रहेगा। आपको और भी पराक्रम दिखाने की जरूरत है। विवाह और यात्रा के योग बन रहे हैं। बेरोजगार हैं तो नौगरी मिलेगी। आपके लिए जरूरी है कि आलस्य छोड़कर अपने सपने के पीछे भागना प्रारंभ कर दें क्योंकि यह समय आपके लिए अनुकूल है।
10. मकर : बृहस्पति आपकी राशि के दूसरे घर में गोचर करेगा। करियर बनाने के लिए यह अच्छा समय है। नौकरीपेशा और व्यापारी वर्ग कोई जोखिम न उठाएं। परिवार में सुख और समृद्धि बढ़ेगी। आर्थिक रूप से अच्छा समय हैं लेकिन यदि कोई निवेश कर रहे हैं तो सोच-समझकर करें।
11. कुंभ : बृहस्पति आपकी राशि के पहले भाव में गोचर करेगा। यदि आप किसी के साथ कोई कार्य साझेदारी में कर रहे हैं तो उसमें फायदा मिलेगा। नौकरी बदलने, शहर बदलने और नए व्यवसाय में पैसा लगाने का यह एक उत्कृष्ट समय है। कुल मिलाकर आपका भविष्य उज्जवल है।
12. मीन : बृहस्पति आपकी राशि के बारहवें भाव में गोचर कर रहा है। यह भाव हानि, विदेशी लाभ और मोक्ष का भाव है। इस अवधि में आपको कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता हैं। आपको खर्चों पर लगाम लगाना होगी। शत्रुओं से बचकर रहें। दांपत्य जीवन में सावधानी रखें क्योंकि गलतफहमी हो सकती है। सेहत की दृष्टि से भी यह गोचर ठीक नहीं है।