ज्योतिष शास्त्र में 'नीचभंग राजयोग' को अत्यंत शुभ माना गया है। जिस जातक की जन्मपत्रिका में 'नीचभंग राजयोग' होता है उसे अपने जीवन में धन, पद, प्रतिष्ठा, स्त्री, पुत्र, आरोग्य आदि का सुख प्राप्त होता है। आइए जानते हैं कि जन्मपत्रिका में 'नीचभंग राजयोग' का सृजन कैसे होता है?
- यदि जन्मपत्रिका में नीचराशिस्थ ग्रह का राशि स्वामी या नीचराशिस्थ ग्रह की उच्च राशि का स्वामी चन्द्र से केन्द्र में हो एवं उस पर कोई पाप प्रभाव नहीं हो तो जन्मपत्रिका में 'नीचभंग राजयोग' का सृजन होता है। ऐसी ग्रहस्थिति में नीचराशिस्थ ग्रह की नीचता भंग हो जाती है और वह अत्यन्त शुभफलप्रद हो जाता है।
- यदि जन्मपत्रिका में नीचराशिस्थ ग्रह का राशि स्वामी या नीचराशिस्थ ग्रह की उच्च राशि का स्वामी लग्न से केन्द्र में हो एवं उस पर कोई पाप प्रभाव नहीं हो तो जन्मपत्रिका में 'नीचभंग राजयोग' का सृजन होता है।
- यदि जन्मपत्रिका में नीचराशिस्थ ग्रह की राशि अपने स्वामी द्वारा दृष्ट हो एवं उस पर कोई पाप प्रभाव नहीं हो तो जन्मपत्रिका में 'नीचभंग राजयोग' का सृजन होता है।
ऐसी ग्रहस्थिति में नीचराशिस्थ ग्रह की नीचता भंग हो जाती है और वह अत्यन्त शुभफलप्रद हो जाता है।
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
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