* मार्गशीर्ष अमावस्या पर पूजन का शुभ समय जानिए
पौराणिक शास्त्रों में अगहन माह की अमावस्या का विशेष महत्व है। इसे मार्गशीर्ष, पितृ अमावस्या तथा श्राद्धादि अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।
मार्गशीर्ष अमावस्या का महत्व और 10 खास बातें :-
* मार्गशीर्ष के महीने में गीता जयंती मनाई जाती है। इसी माह में श्री कृष्ण ने गीता का दिव्य ज्ञान दिया था, इसी कारण मार्गशीर्ष अमावस्या की तिथि अत्यधिक लाभदायी तथा पुण्यदायी मानी गई है।
* पुराणों की मान्यता के अनुसार इस दिन व्रत-पूजन करने से पितृ प्रसन्न होते हैं, पितृ दोष दूर होता है तथा पितृ अपना आशीष अपने परिवारजनों को देते हैं।
* मार्गशीर्ष अमावस्या को पितृ पूजा का विशेष दिन माना गया है।
* मार्गशीर्ष अमावस्या का व्रत करने कुंडली के दोष दूर होते हैं।
* इस दिन गंगा स्नान, नदी, तट या सरोवर पर स्नान करने का विशेष महत्व होता है।
* शाम के समय शिवालय जाकर शुद्ध घी का दीपक जलाएं तथा घर के मंदिर में दीप जलाकर भगवान का पूजन-अर्चन करें।
* अगर किसी जातक की कुंडली में पितृ दोष है और वो जीवन में परेशानियों का अनुभव कर रहे हैं तो वे दिन उपवास रखकर पितृ दोष से मुक्ति पा सकते हैं।
* इस दिन भगवान श्री सत्यनारायण की पूजा करने का भी विशेष महत्व है। भगवान सत्यनारायण की कथा पढ़ें और आरती करें।
* संतान की चाह रखने वालों को भी इस दिन उपवास अवश्य रखना चाहिए तथा संतान सुख की प्रार्थना करनी चाहिए।
* अपनी स्वेच्छा और सामर्थ्य के अनुसार दान-पुण्य करें।
मार्गशीर्ष अमावस्या पूजन के शुभ मुहूर्त
मार्गशीर्ष अमावस्या की तिथि गुरुवार 6 दिसंबर 2018 को 12:12 मिनट से आरंभ होगी तथा 7 दिसंबर 2018, शुक्रवार को 12:50 मिनट पर समाप्त होगी।