Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

आप नहीं जानते होंगे अगहन मास को क्यों कहते हैं मार्गशीर्ष, पढ़ें अनूठी जानकारी...

हमें फॉलो करें आप नहीं जानते होंगे अगहन मास को क्यों कहते हैं मार्गशीर्ष, पढ़ें अनूठी जानकारी...
हिन्दू पंचांग के अनुसार वर्ष का नवां महीना अगहन कहलाता है। अगहन मास को मार्गशीर्ष नाम से भी जाना जाता है। क्या आप जानते हैं कि अगहन मास को मार्गशीर्ष क्यों कहा जाता है? हम आपको बताते हैं कि अगहन मास को मार्गशीर्ष नाम से क्यों जानते हैं?
 
अगहन मास को मार्गशीर्ष कहने के पीछे भी कई तर्क हैं। भगवान श्री कृष्ण की पूजा अनेक स्वरूपों में व अनेक नामों से की जाती है। इन्हीं स्वरूपों में से एक मार्गशीर्ष भी श्री कृष्ण का ही एक रूप है।
 
शास्त्रों में कहा गया है कि इस माह का संबंध मृगशिरा नक्षत्र से है। ज्योतिष के अनुसार नक्षत्र 27 होते हैं जिसमें से एक है मृगशिरा नक्षत्र। इस माह की पूर्णिमा मृगशिरा नक्षत्र से युक्त होती है। इसी वजह से इस मास को मार्गशीर्ष मास के नाम से जाना जाता है।
 
 
भागवत के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण ने भी कहा था कि सभी माह में मार्गशीर्ष श्री कृष्ण का ही स्वरूप है। मार्गशीर्ष मास में श्रद्धा और भक्ति से प्राप्त पुण्य के बल पर हमें सभी सुखों की प्राप्ति होती है। इस माह में नदी स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व है।
 
श्री कृष्ण ने मार्गशीर्ष मास की महत्ता गोपियों को भी बताई थी। उन्होंने कहा था कि मार्गशीर्ष माह में यमुना स्नान से मैं सहज ही सभी को प्राप्त हो जाऊंगा। तभी से इस माह में नदी स्नान का खास महत्व माना गया है। मार्गशीर्ष में नदी स्नान के लिए तुलसी की जड़ की मिट्टी व तुलसी के पत्तों से स्नान करना चाहिए। स्नान के समय 'ॐ नमो नारायणाय या गायत्री मंत्र' का जप करना चाहिए। 
 
कहा जाता हैं कि मार्गशीर्ष के महीने में जो भक्त भगवान श्री कृष्ण के मंत्र का जाप करता है, उसकी सभी इच्छाएं और मनोकामनाएं कृष्ण पूरी करते हैं।


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

3 दिसंबर को उत्पन्ना एकादशी, जानें कैसे करें व्रत की तैयारी, पढ़ें 10 खास बातें...