Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

Guru ka rashi parivartan : बृहस्पति का 20 नवंबर को राशि परिवर्तन, गुरु का गोचर किस राशि की कन्या के विवाह में बनेगा बाधा

हमें फॉलो करें Guru ka rashi parivartan : बृहस्पति का 20 नवंबर को राशि परिवर्तन, गुरु का गोचर किस राशि की कन्या के विवाह में बनेगा बाधा
webdunia

पं. हेमन्त रिछारिया

Guru Transit 2021 नवग्रहों के गोचर में देवगुरु बृहस्पति का राशि परिवर्तन अर्थात् गोचर बहुत महत्व रखता है। गुरु एक राशि में 1 वर्षपर्यंत रहने के उपरांत अपनी राशि परिवर्तित करते हैं। गुरु धनु व मीन राशि के स्वामी होते हैं। कर्क राशि में गुरु उच्च के एवं मकर राशि में गुरु नीचराशिस्थ होते हैं। स्त्री जातकों की जन्मपत्रिका में गुरु की स्थिति अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। 
 
गुरु स्त्री जातकों के लिए पति का नैसर्गिक कारक होते हैं। स्त्री जातकों को पति सुख प्राप्त होने में गुरु की विशेष भूमिका होती है। यदि किसी स्त्री जातक की कुंडली में गुरु अस्त, वक्री, निर्बल या अशुभ भावों में स्थित होते हैं तो उसे पति सुख प्राप्त होने में बाधाएं आती हैं। गुरु बुद्धि व विवेक के भी प्रतिनिधि होते हैं। जन्मपत्रिका में सबल गुरु का होना विद्वत्ता व बुद्धिमत्ता का द्योतक होता है।
 
 
Jupiter Transit in Aquarius 2021 20 नवंबर को होगा गुरु का कुंभ राशि में प्रवेश-
 
20 नवंबर 2021 की रात्रि 11.15 मिनट पर गुरु कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। विगत 1 वर्ष से गुरु मकर में राशि में स्थित हैं। गुरु का यह गोचर स्त्री जातकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण रहेगा। स्त्री जातकों के विवाह में त्रिबल शुद्धि हेतु गुरुबल में गुरु का राशि परिवर्तन विशेष महत्व रखेगा।


शास्त्रानुसार त्रिबल शुद्धि में गुरु के 'अपूज्य' स्थिति में होने पर स्त्री जातक का विवाह वर्जित माना गया है। वहीं 'पूज्य' स्थानों में होने पर गुरु की शांति के उपरांत ही स्त्री जातक का विवाह करने का निर्देश है। जिसे प्रचलित भाषा में 'पीली पूजा' कहा जाता है। कुछ विद्वान अत्यंत आवश्यक होने पर देश-काल-परिस्थिति अनुसार 'अपूज्य' स्थानों में होने पर भी 'पीली पूजा' अर्थात् गुरु का शांति अनुष्ठान कर विवाह करने का परामर्श दे देते हैं।

 
किन राशि वाले जातकों के विवाह में बाधक बनेंगे गुरु- 
 
जिन स्त्री जातकों की राशि से गुरु 'अपूज्य' स्थान अर्थात् 4, 8,12 में गोचर करेंगे, उन स्त्री जातकों का विवाह 1 वर्ष के लिए वर्जित रहेगा। वहीं जिन स्त्री जातकों की राशि से गुरु 'पूज्य' स्थान अर्थात् 1, 3, 6, 10 में गोचर करेंगे उनका विवाह गुरु शांति अनुष्ठान (पीली पूजा) संपन्न करने के उपरांत हो सकेगा। शेष राशि वाले स्त्री जातकों के लिए गुरु शुभ रहेंगे। 
 
आइए अब जानते हैं कि 20 नवंबर 2021 को होने वाला गुरु का गोचर किन राशियों की स्त्री जातकों के विवाह में बाधा बनेगा।
 
1. अपूज्य- वृश्चिक, कर्क, मीन (विवाह वर्जित)
 
2. पूज्य- वृषभ, कन्या, धनु, कुंभ (गुरु की शांति के उपरांत विवाह)
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
सम्पर्क: astropoint_hbd@yahoo.com

webdunia
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

सहस्रार्जुन जयंती : हैहयवंशी राजा सहस्रबाहु के बारे में 10 खास बातें