Diwali Muhurat Trading 2024: शेयर बाजार में जब छुट्टी रहती है और उस दिन कोई सा महत्वपूर्ण त्योहार है तो 1 घंटे के लिए पूजा के समय मुहूर्त ट्रेडिंग कारोबार किया जाता है। एनएसई और स्टॉक एक्सचेंज उस दिन 01 घंटे के लिए बाजार को खोलते हैं और तब व्यापारी वर्ग सिक्योरिटी खरीद और बेच सकते हैं। इसे ही ट्रेडिंग मुहूर्त कहते हैं। अक्सर यह दिवाली दशहरे पर ही होता है।
किसे कहते हैं मुहूर्त ट्रेडिंग?
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दिवाली पर यूं तो शेयर बाजार में छुट्टी रहती है परंतु शगुन हेतु 1 घंटा के लिए ट्रेडिंग करते हैं जिसे मुहूर्त ट्रेडिंग कहते हैं।
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यानी 1 घंटे के लिए शेयर बाजार विशेष समय पर खुलता है तब कुछ लोग मुहूर्त के रूप में लेन देने करते हैं।
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हिंदू पंचाग के अनुसार, इस दिन के कुछ 1 घंटे या जब तक शुभ मुहूर्त चलता है तब तक के लिए एक खास विंडो खुलती है जिसमें व्यापारी और निवेशक सिक्योरिटी खरीद और बेच सकते हैं।
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दिवाली का यह विशेष सत्र एक घंटे तक चलता है और अगले दिन बाजार बंद रहता है।
क्यों करते हैं मुहूर्त ट्रेडिंग?
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हिंदू व्यापारी वर्ग की मान्यता के अनुसार इस दिन लेखा या बहिखाता की पूजा करके पुन: इसकी शुरुआत करते हैं।
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उनका मानना है कि ऐसा करने से पूरे साल सौभाग्य और समृद्धि रहती है।
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उनका मानना है कि अगर वे इस दिन एक अच्छा व्यवसाय करते है तो आने वाला नया साल भी अच्छा होगा।
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दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन के समय व्यापारिक वर्ग मुहूर्त ट्रेडिंग करते हैं।
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व्यापारियों ने इसके लिए शेयर बाजार में विशेष सत्र की व्यवस्था की।
दिवाली मुहूर्त ट्रेडिंग का इतिहास:-
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लंबे समय से भारत में स्टॉक एक्सचेंज मुहूर्त ट्रेडिंग का आयोजन कर रहे हैं।
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अक्सर गुजराती और मारवाड़ी समाज में इसका ज्यादा प्रचलन है।
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वे पुराने लेजर को बंद करते हैं और नए को खोलते हैं।
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सन 1957 को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) ने मुहूर्त ट्रेडिंग की व्यवस्था की थी।
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इसके बाद 1992 में इस व्यवस्था को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने भी अपनाया।
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हिन्दू धर्म में दिवाली का दिन शुभ माना जाता है इसलिए इस दिन पर व्यापार करना और बहिखाते बदलना उनके लिए शुभ होने के कारण यह व्यवस्था की गई।
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इसके लिए सबसे पहले गुजराती और मारवाड़ी व्यापारियों ने पहल की थी।