Diwali Muhurat Trading 2023: किसी भी पर्व या त्योहार पर शेयर बाजार सहित सभी ऑफिस में छुट्टी होती हैं, लेकिन दिवाली पर मुहूर्त ट्रेडिंग होती है। यह मुहूर्त ट्रेडिंग क्या होती है? कब होती है और क्यों होती है? एनएसई और स्टॉक एक्सचेंज में यह ट्रेंड है करीब 1957 से यह चला आ रहा है।
किसे कहते हैं मुहूर्त ट्रेडिंग?
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दिवाली पर यूं तो शेयर बाजार में छुट्टी रहती है परंतु शगुन हेतु 1 घंटा के लिए ट्रेडिंग करते हैं जिसे मुहूर्त ट्रेडिंग कहते हैं। यानी 1 घंटे के लिए शेयर बाजार विशेष समय पर खुलता है तब कुछ लोग मुहूर्त के रूप में लेन देने करते हैं।
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दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन के समय व्यापारिक वर्ग मुहूर्त ट्रेडिंग करते हैं। व्यापारियों ने इसके लिए शेयर बाजार में विशेष सत्र की व्यवस्था की।
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हिंदू पंचाग के अनुसार, इस दिन के कुछ 1 घंटे या जब तक शुभ मुहूर्त चलता है तब तक के लिए एक खास विंडो खुलती है जिसमें व्यापारी और निवेशक सिक्योरिटी खरीद और बेच सकते हैं। इसे ही ट्रेडिंग मुहूर्त कहते हैं।
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हिंदू व्यापारी वर्ग की मान्यता के अनुसार इस दिन लेखा या बहिखाता की पूजा करके पुन: इसकी शुरुआत करते हैं।
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उनका मानना है कि ऐसा करने से पूरे साल सौभाग्य और समृद्धि रहती है।
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उनका मानना है कि अगर वे इस दिन एक अच्छा व्यवसाय करते है तो आने वाला नया साल भी अच्छा होगा।
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लंबे समय से भारत में स्टॉक एक्सचेंज मुहूर्त ट्रेडिंग का आयोजन कर रहे हैं।
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स्टॉक एक्सचेंज विशेष 1 घंटे की व्यापारिक सत्रों की घोषणा करता है ताकि व्यापारी यह वित्तिय लेन देन कर सकें।
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अक्सर गुजराती और मारवाड़ी समाज में इसका ज्यादा प्रचलन है।
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वे पुराने लेजर को बंद करते हैं और नए को खोलते हैं।
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कई लोग स्टॉक ट्रेडिंग और निवेश में समवत ट्रेडिंग के दौरान जुडते हैं।
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दिवाली का यह विशेष सत्र एक घंटे तक चलता है और अगले दिन बाजार बंद रहता है।