हिन्दू पंचांग के अनुसार कुछ व्रत या पर्व प्रतिमाह होते हैं परंतु हर माह उनकी कथा और महत्व अलग अलग होता है। आओ जानते हैं कि वर्ष में कौनसे व्रत प्रतिमाह आते रहते हैं।
1. एकादशी : माह में 2 एकादशियां होती हैं अर्थात वर्ष में 24 और अधिकमास के समय 26 एकादशियां होती हैं। प्रत्येक एकादशी के नाम अलग अलग होते हैं।
2. प्रदोष : माह में 2 चतुर्दशी अर्थात प्रदोष के व्रत होते हैं अर्थात वर्ष में 24 और अधिकमास के समय 26 प्रदोष व्रत होते हैं। प्रत्येक प्रदोष के नाम अलग अलग होते हैं।
3. चतुर्थी : माह में 2 चतुर्थियां होती हैं अर्थात वर्ष में 24 और अधिकमास के समय 26 चतुर्थियां होती हैं। प्रत्येक चतुर्थी के नाम अलग अलग होते हैं।
4. अमावस्या और पूर्णिमा : माह में 2 अमावस्या और पूर्णिमा के व्रत होते हैं अर्थात वर्ष में 48 और अधिकमास के समय 52 प्रदोष व्रत होते हैं। प्रत्येक के नाम अलग अलग होते हैं।
5. संक्रांति : प्रति सूर्य एक राशि से निकलकर दूरी राशि में जाता है तो इस मान से वर्ष में 12 संक्रांतियां होती है। मकर संक्रांति पर सूर्य उत्तरायण होता है
6. दूज, पंचमी, छठ, सप्तमी, अष्टमी और नवमी : इस तिथि के व्रत भी महत्वपूर्ण होते हैं।
7. पंचक : प्रति माह पांच दिन के लिए पंचक काल लगता है और प्रतिदिन राहु काल होता है।